संबंधित खबरें
क्यों दुर्योधन की जांघ तोड़कर ही भीम ने उतारा था उसे मौत के घाट, पैर में छिपा था ऐसा कौन-सा जीवन का राज?
जो लोग छिपा लेते हैं दूसरों से ये 7 राज…माँ लक्ष्मी का रहता है उस घर में सदैव वास, खुशियों से भरी रहती है झोली
इन 4 राशियों की लड़कियों का प्यार पाना होता है जंग जीतने जैसा, स्वर्ग सा बना देती हैं जीवन
देवो के देव महादेव के माता-पिता है कौन? शिव परिवार में क्यों नहीं दिया जाता पूजा स्थान
नए साल पर गलती से भी न करें ये काम, अगर कर दिया ऐसा तो मां लक्ष्मी देंगी ऐसी सजा जो सोच भी नहीं पाएंगे आप
दान में जो दे दिए इतने मुट्ठी चावल तो दुनिया की कोई ताकत नहीं जो रोक दे आपके अच्छे दिन, जानें सही तरीका और नियम?
India News (इंडिया न्यूज), Raksha Bandhan 2024: शास्त्रों के अनुसार रक्षाबंधन का त्योहार भद्रा काल में नहीं मनाना चाहिए। इसलिए 19 अगस्त सोमवार को दोपहर 01:31 बजे के बाद ही रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा। रक्षाबंधन भाई-बहन को प्रेम के बंधन में बांधने वाला त्योहार है। इस दिन बहन अपने भाई के हाथ पर रक्षा सूत्र बांधती है, भाई के माथे पर तिलक लगाती है, भाई की आरती उतारती है और मिठाई खिलाती है। भाई अपनी क्षमता के अनुसार बहनों को उपहार देते हैं।
रक्षाबंधन का अर्थ है अपनी रक्षा के लिए किसी को बांधना। राखी बांधते समय बहन कहती है, भैया मैं आपकी शरण में हूं, मेरी हर तरह से रक्षा करना। भाई अपनी बहन की रक्षा का वचन देता है। इसके साथ ही राखी का मतलब ये भी है कि कुछ भी हो जाएगा बहन और भाई हर सुख-दुश में साथ रहेगे और हर तरह से एक दूसरे की रक्षा करेंगे। Raksha Bandhan 2024
Success Tips: बेशर्मी के साथ करें ये 4 चीजें, सक्सेस चुमेगी कदम
रक्षाबंधन भारतीय त्योहारों में एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक त्योहार माना जाता है। इसकी शुरुआत लाखों साल पहले देवताओं और राक्षसों के बीच युद्ध के दौरान हुई थी। उस समय श्रावण पूर्णिमा के दिन देवराज इंद्र की पत्नी महारानी शची ने वैदिक मंत्रों के साथ अपने पति इंद्र के हाथ पर पवित्र रक्षासूत्र बांधकर उन्हें शत्रुओं से मुक्ति दिलाई थी और इसी रक्षासूत्र की शक्ति से इंद्र ने अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त की थी।
समय के बदलाव के साथ यह रक्षासूत्र बहनों द्वारा भाइयों को बांधा जाने लगा। यह राखी जो पहले महिलाओं के सौभाग्य की रक्षा का प्रतीक थी, अब भाई-बहन के बीच प्रेम के पवित्र बंधन में बदल गई है। इस राखी ने हमेशा युद्ध में सफलता दिलाई है, यह एकता का महामंत्र है। सभी को इसे बड़े उत्साह के साथ मनाना चाहिए।
अगर खुद को सपने में देखा बिना कपड़े तो ये होता है मतलब, ये चीज देखने से बढ़ सकती है परेशानी
एक बार भगवान श्री कृष्ण का हाथ घायल हो गया था, उस समय द्रौपदी ने तुरंत अपनी साड़ी फाड़कर श्री कृष्ण के हाथ पर बांध दी थी। इस बंधन के ऋणी श्री कृष्ण ने दुशासन द्वारा द्रौपदी की साड़ी खींचने पर उसकी लाज बचाई थी। राखी के धागों की हजारों कहानियां हैं, जिसमें भाई अपनी बहनों के लिए खुशी-खुशी अपनी जान की बाजी लगा देते हैं। रक्षाबंधन ने नई प्रेरणा दी, नई राह दिखाई।
हमारे धर्म में हर काम को लेकर वैज्ञानिक दृष्टिकोण है। हाथ पर पवित्र धागा बांधने से रक्तचाप, हृदय रोग, मधुमेह और लकवा जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव होता है। शरीर विज्ञान के अनुसार कलाई पर पवित्र धागा बांधने से शरीर पर त्रिदोष (वात, पित्त और कफ) का आक्रमण नहीं होता। Raksha Bandhan 2024
एक राज्य…13 साल,10 बड़े कांड; बंगाल में रेप-मर्डर केस में पहले भी घिरती रही हैं CM ममता
Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.