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RakshaBandhan 2024: सबसे पहले किसने बंधवाई थी राखी? रक्षाबंधन पर जानें इस त्यौहार की पौराणिक कथाएं

BY: Babli • LAST UPDATED : August 19, 2024, 8:46 am IST
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RakshaBandhan 2024: सबसे पहले किसने बंधवाई थी राखी? रक्षाबंधन पर जानें इस त्यौहार की पौराणिक कथाएं

Raksha Bandhan 2024 Katha

India News (इंडिया न्यूज), RakshaBandhan 2024 Katha: आज 19 अगस्त को पूरा देश रक्षाबंधन का त्यौहार मना रहा है। हिंदू धर्म में रक्षाबंधन का त्योहार पौराणिक काल से मनाया जा रहा है। इस दिन भाई बहन के अटूट रिश्ते को दिखाया जाता है। हर साल श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तारीख के दिन यह त्यौहार मनाया जाता है। आज यानि सोमवार के दिन मनाया जाने वाला ये त्यौहार बेहद खास है। धार्मिक मान्यताओं की माने तो राखी के त्योहार पर पूजा पाठ करने से खास लाभ मिलता है। रक्षाबंधन से जुड़ी ऐसी कई प्राचीन पौराणिक कथाएं हैं लेकिन क्या आप जानते हैं की सबसे पहले किसने किसकी कलाई पर राखी बांधी थी।

  • रक्षाबंधन की पौराणिक कथाए
  • लक्ष्मी ने बांधी थी बाली को राखी

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रक्षाबंधन की पौराणिक कथाए

पौराणिक कथाओं की माने तो यमराज और यमुना दोनों भाई बहन है। यमुना, यमराज को अपना भाई मानती थी। अपने भाई की लंबी उम्र के लिए यमुना ने मृत्यु के देवता यमराज की कलाई पर रक्षा का एक धागा बांधा था। जिसके बाद यमराज ने अपनी बहन को अमृत्व वरदान भेंट में दिया था। इसलिए शास्त्रों में भी बताया गया है कि जो व्यक्ति रक्षाबंधन के दिन अपनी बहन से कलाई पर राखी बंधावाता है उसे आरोग्यता का वरदान प्राप्त होता है और अकाल मृत्यु का डर दूर हो जाता है।

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लक्ष्मी ने बांधी थी बाली को राखी

कथाओं में रक्षाबंधन त्योहार से जुड़ी एक और कथा है। जिसमें कहा गया है कि राजा बलि ने अश्वमेध यज्ञ का आयोजन किया था। तब भगवान विष्णु ने वामन अवतार धारण कर तीन गज धरती दान में मांगी थी। वही राजा बलि ने भगवान वामन से पाताल लोक में रहने का आशीर्वाद मांगा था। कहा जाता है इसके बाद एक बार माता लक्ष्मी राजा बलि के पास अपना स्वरूप बदलकर गई और बाली से रोते हुए कहा कि उनका कोई भाई नहीं है। तब राजा बाली ने लक्ष्मी की बात सुनकर कहा कि आज से मैं आपका भाई हूं। तब माता लक्ष्मी ने राजा की कलाई पर रक्षा का धागा बांधा था और तब से त्यौहार रक्षाबंधन के रूप में मनाया जाने लगा।

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