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कौन था वो घर का भेदी, जिसने बाबर को बुलाया था भारत

Prachi Jain • LAST UPDATED : July 30, 2024, 11:05 am IST

India News (इंडिया न्यूज), Babar Panipat War: 1526 ईस्वी में पानीपत के मैदान में मुगल आक्रांता बाबर और दिल्ली सल्तनत के सुल्तान इब्राहिम लोदी के बीच भीषण युद्ध हुआ था। इस युद्ध में इब्राहिम लोदी की बुरी तरह से पराजय हुई थी। यह युद्ध भारतीय इतिहास के लिए महत्वपूर्ण था, क्योंकि इसके परिणामस्वरूप भारत में मुगल साम्राज्य की स्थापना हुई। युद्ध में विजय के बाद बाबर ने कई राजाओं को अपनी अधीनता स्वीकार करने का संदेश भेजा, जिनमें से कई राजाओं ने संदेश को कुबूल कर लिया, जबकि कुछ ने बाबर की अधीनता मानने से इनकार कर दिया।

महाराणा सांगा का प्रतिरोध

मेवाड़ के नरेश महाराणा सांगा ने भी बाबर की अधीनता को स्वीकार नहीं किया था। महाराणा सांगा की शूरवीरता और वीरता का इतिहास में विशेष स्थान है। कई इतिहासकारों के अनुसार, महाराणा सांगा की सेना ने अपनी शूरवीरता से बाबर की सेना को चारों खाने चित्त कर दिया था। हालांकि, महाराणा सांगा और बाबर की कहानी इतनी सरल नहीं है और इतिहासकारों के बीच इस विषय पर विभिन्न मत हैं।

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कैसे बाबर ने किया था इब्राहिम को पराजित

कुछ इतिहासकारों का मानना है कि बाबर ने महाराणा सांगा को आमंत्रित किया था। उनके अनुसार, बाबर को इब्राहिम लोदी और महाराणा सांगा की दुश्मनी का पता था और इसी कारण उसने इब्राहिम लोदी को परास्त करने के लिए राणा सांगा के पास मित्रता का संदेश भेजा था। इस दृष्टिकोण के अनुसार, बाबर ने पहले से ही महाराणा सांगा को अपने पक्ष में लाने का प्रयास किया था ताकि वह दिल्ली सल्तनत को आसानी से हरा सके।

बाबर की रणनीति और युद्ध का परिणाम

बाबर ने पानीपत की लड़ाई में तोपखाने का कुशलता से उपयोग किया, जो उस समय भारतीय उपमहाद्वीप में एक नई और प्रभावी युद्ध तकनीक थी। इब्राहिम लोदी की सेना, जो संख्या में बड़ी थी, बाबर की रणनीति और तोपखाने के सामने टिक नहीं सकी। इस विजय के बाद, बाबर ने अपने साम्राज्य को मजबूत करने के लिए विभिन्न राजाओं को अपनी अधीनता स्वीकार करने के लिए संदेश भेजा।

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इतिहास के महत्वपूर्ण युद्धों में से थी एक

पानीपत की पहली लड़ाई भारतीय इतिहास के महत्वपूर्ण युद्धों में से एक थी। इस युद्ध ने भारत में मुगल साम्राज्य की नींव रखी और भारतीय राजनीति और सामाजिक संरचना पर गहरा प्रभाव डाला। महाराणा सांगा का प्रतिरोध और बाबर की रणनीति इस युद्ध को और भी रोचक बनाते हैं। इतिहासकारों के विभिन्न दृष्टिकोण इस युद्ध की जटिलता और इसके विभिन्न पहलुओं को उजागर करते हैं।

यह घटना हमें यह भी सिखाती है कि इतिहास में शक्ति और राजनीति के खेल में न केवल युद्ध की रणनीति बल्कि गठबंधन और मित्रता भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बाबर की विजय और महाराणा सांगा की वीरता दोनों ही भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्त्रोत बने रहेंगे।

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