सनातन परंपरा में, पेड़ों और पौधों को दिव्य ऊर्जा का एक रूप माना जाता है. हमारे शास्त्रों में कई ऐसे पौधों और पेड़ों के बारे में बताया गया है, जिनमें देवी-देवताओं का वास माना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि इनकी पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और ग्रहों के दोष भी दूर होते हैं. तो,
आइए उन पवित्र पेड़ों के बारे में जानें जिनका धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व बहुत ज्यादा है.
तुलसी का पौधा
तुलसी को हिंदू धर्म में सबसे पवित्र पौधा माना जाता है. माना जाता है कि भगवान विष्णु की पूजा तुलसी के बिना अधूरी है, इसलिए इसे ‘विष्णु प्रिया’ कहा जाता है. तुलसी को देवी लक्ष्मी का एक रूप भी माना जाता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में तुलसी का पौधा नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और सकारात्मकता बढ़ाता है.
शमी का पेड़
शमी का पेड़ भी तुलसी की तरह ही बहुत पवित्र माना जाता है. इसके पत्ते, लकड़ी और जड़ें सभी धार्मिक अनुष्ठानों में इस्तेमाल होती हैं. भगवान शिव, भगवान गणेश और शनि देव को शमी के पत्ते चढ़ाने से विशेष पुण्य मिलता है. यह पेड़ शनि से संबंधित दोषों से पीड़ित लोगों के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है. माना जाता है कि शनिवार को शमी के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने से परेशानियां दूर होती हैं और शनि देव का आशीर्वाद मिलता है.
पीपल का पेड़
सनातन परंपरा में पीपल के पेड़ को बहुत पवित्र और चमत्कारी माना जाता है. भगवान कृष्ण ने खुद भगवद गीता में कहा है कि सभी पेड़ों में वे पीपल का पेड़ हैं. इसकी सबसे खास बात यह है कि माना जाता है कि इसकी जड़ों, तने और ऊपरी हिस्से में क्रमशः ब्रह्मा, विष्णु और शिव निवास करते हैं. माना जाता है कि पीपल के पेड़ की पूजा करने से पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है और ग्रहों के दोष दूर होते हैं.
केले का पेड़
केले के पेड़ को भी धार्मिक दृष्टि से बहुत शुभ माना जाता है. केले के पत्ते और पेड़ का भगवान विष्णु की पूजा में विशेष महत्व है. माना जाता है कि गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा करने से विष्णु और बृहस्पति (गुरु) का आशीर्वाद मिलता है. जिन लोगों को शादी में रुकावटें आ रही हैं, उन्हें रोज़ केले के पेड़ की पूजा करनी चाहिए.