संबंधित खबरें
धारण करते हैं दुसरा भेस! देवी-देवता इन रुपों में देते हैं दरशन, अगर महाकुंभ में मिल जाए ये वस्तु तो पलट जाएगा भाग्य!
बन रहा महासंयोग, शुक्र-शनि मिल कर बना रहे हैं शश राजयोग, इन रेशियों की खुलेगी किस्मत की चाभी!
इस मूलांक के जातकों की बदल जाएगी किस्मत, नए हमसफर का मिल सकता है साथ, जिंदगी में होगा पलटफेर!
Today Horoscope: इस एक राशि के जीवन में आएगा एक नया साथी, तो वही 5 जातकों को रखना होगा अपने काम का विशेष ध्यान, जानें आज का राशिफल
Basant Panchami 2025: 2 या 3 फरवरी आखिर कब है इस साल की बसंत पंचमी, इस एक उपाय को करने से पाए पूरे साल सुख और ऐश्वर्य?
लम्बे समय से जकड़े हुई है कोई बीमारी पाना चाहते है छुटकारा, तो मंगलवार को जरूर करें ये छोटा सा काम?
India News (इंडिया न्यूज़), Samudra Manthan: विष्णु पुराण में समुद्र मंथन की कथा को विस्तारपूर्वक से बताया गया है। इसके अनुसार, समुद्र मंथन क्षीर सागर में सावन के दिनो में ही किया गया था। समुद्र मंथन की कहानी और समुद्र मंथन से निकले अमृत कलश के बारे में हम सब लोग जानते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि, समुद्र मंथन से निकली वो कौन सी चीजें थीं, जिन्हें मानव, देवता और सृष्टि के लिए उपयोगी माना जाता है।
समुद्र मंथन की कहानी को लेकर कहा जाता है कि एक बार महार्षि दुर्वासा के श्राप के कारण स्वर्ग श्रीहीन यानी धन, वैभव और ऐश्वर्य से विहीन हो गया था. तब विष्णु जी ने देवताओं को असुरों के साथ मिलकर समुद्र मंथन का उपाय बताया. समुद्र मंथन के दौरान 14 तरह की बहुमूल्य चिजे निकली थी जिनको हम 14 रत्न भी बोलते है। इन रत्नों में से 5 रत्न ऐसे हैं जिन्को घर में रखने से खुशहाली आती है।
हलाहल विष, ऐरावत हाथी, कामधेनु गाय, उच्चै:श्रवा घोड़ा, कौस्तुभ मणि, कल्पवृक्ष, माता लक्ष्मी, वारुणी, चंद्रमा, पांचजन्य शंख, अप्सरा रंभा, पारिजात वृक्ष,शारंग धनुष और अमृत कलश।
हाथी की प्रतिमा: समुद्र मंथन के दौरान ऐरावत नाम का सफेद हाथी निकला जिसे इंद्र भगवान ने अपने पास रख लिया था। ऐसा माना जाता है कि घर में चांदी,तांबे या पीतल का हाथी रखने से राहु एवं केतु का प्रकोप शांत होता है वहीं घर में सुख, शांति एवं समृद्धि आती है।
घोड़े की प्रतिमा: समुद्र मंथन से उच्चैः श्रवा नामक सफेद घोड़ा निकला था। पौराणिक आख्यानों के अनुसार यह सफ़ेद रंग और सात मुख वाला घोड़ा था जो देवता (इन्द्र) को प्राप्त हुआ। घर में घोड़े की मूर्ति रखने से जीवन में सभी तरह की सफलता मिलती है।
कलश: समुद्र मंथन के दौरान भगवान धनवंतरी देव अमृत से भरा कलश लेकर निकले थे। देवता और असुरों के बीच छीनाझपटी के कारण कलश के अमृत की बूंदे जहां गिरी थी वहां आज कुंभ का आयोजन होता है। ऐसा माना जाता है कि तांबे या पीतल के कलश की घर में स्थापना करने से स्थाई रूप से धनलक्ष्मी का वास होता है और घर में सुख, शांति आती है।
पारिजात वृक्ष: यह भी समुद्र मंथन के दौरान निकला था जिसे इन्द्रदेव ने अपने लोक में रोपित कर दिया था। ऐसा माना जाता है कि मधुमक्खी इस वृक्ष पर छत्ता बनाए तो उससे निकलने वाला शहद और भी ज्यादा लाभकारी हो जाता है। इसके फूलों से निकलने वाले तेल का उपयोग सौंदर्य सामग्री बनाने में भी उपयोग होता है।
कामधेनु गाय: समुद्र मंथन के दैरान कामधेनु गाय कि उत्पत्ति हुई थी एक पूर्ण श्वेत (सफेद) गाय है। समुद्र के चारों ओर बड़े जोर की तेज ध्वनि आई और जब देवता और दानवों ने ऊपर देखा तो साक्षात कामधेनु नजर आईं। बाजार में कामधेनु गाय की प्रतीमा मिलती है। उसे घर में रखने से घर का वातावरण सकारात्मक बना रहता है और सुख समृद्धि बढ़ती है।
पांचजञ्य शंख: समुद्र मंथन के दौरान इस पांचजञ्य शंख की उत्पत्ति हुई थी। पांचजञ्य शंख विष्णु भगवान के हाथ में देखने को मिलता है पांचजञ्य शंख को विजय, समृद्धि, सुख, शांति, यश, कीर्ति और लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है। सबसे महत्वपूर्ण यह कि शंख नाद का प्रतीक है। शंख ध्वनि शुभ मानी गई है।
ये भी पढ़े- Vastu Tips: घर में सुख-समृद्धि के लिए अपनाएं ये वास्तु टिप्स, भूलकर भी ना करें ये गलती
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.