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क्यों चढ़ता है भोलेनाथ को भांग और धतूरा? पौराणिक कथा में छुपा रहस्य

Simran Singh • LAST UPDATED : July 19, 2024, 12:04 pm IST

India News(इंडिया न्यूज), Sawan 2024: सावन के महीने में शिवलिंग पर भोलेनाथ की प्रिय चीजें अर्पित की जाती हैं। मान्यता है कि इससे भोलेनाथ जल्दी प्रसन्न होते हैं। वहीं भोलेनाथ की प्रिय चीजों के बारें में बताए तो इसमें भांग और धतूरा सबसे पहले आता है। जैसा की सभी जानते है की सावन का महीना भोलेनाथ को समर्पित होता है और इस महीने उन्हें प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के जतन भी किए जाते हैं। मान्यता है कि सावन के महीने में किए गए उपायों से भोलेनाथ जल्दी प्रसन्न होते हैं।

  • इस वजह से भोलेनाथ को चढ़ता है धतूरा
  • कथा का है सालों से प्रभाव

इस तरह से करें भोलेनाथ को प्रसन्न

भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर धतूरा चढ़ाने की परंपरा है। इसके पीछे एक पौराणिक कथा है। शिव महापुराण के अनुसार भगवान शिव ने समुद्र मंथन से निकले हलाहल विष को पीकर संसार को विनाश से बचाया था। विष पीने के बाद भगवान शिव का गला नीला पड़ गया, क्योंकि उन्होंने विष को अपने गले से नीचे नहीं उतरने दिया था। तभी से भगवान शंकर नीलकंठ कहलाने लगे। विष पीने के बाद उन्हें बेचैनी होने लगी।

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ऐसे में आदि शक्ति प्रकट हुईं और देवताओं से जड़ी-बूटियों और जल से भगवान शिव का उपचार करने को कहा। देवताओं ने हलाहल की गर्मी दूर करने के लिए भगवान शिव के सिर पर धतूरा और भांग रखी। विष को शांत करने के लिए भगवान शंकर के माथे पर धतूरा और भांग रखी गई और उनका लगातार जल से अभिषेक किया गया। ऐसा करने से शिव के सिर से विष उतर गया और भगवान को होश आ गया। पुराणों के अनुसार तभी से भगवान शिव को धतूरा, भांग और जल चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई। भांग और धतूरा शिव की बेचैनी दूर करते थे, इसीलिए ये दोनों भगवान शिव को बहुत प्रिय हैं। शिवलिंग पर भांग और धतूरा चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।

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ओषधि में भी होता है प्रयोग

आयुर्वेद में धतूरे का प्रयोग औषधि के रूप में भी किया जाता है। इसमें जीर्ण ज्वर, जोड़ों के दर्द और विष के असर को ठीक करने की अद्भुत क्षमता होती है। ज्योतिष में धतूरे को राहु का कारक माना जाता है, इसलिए भगवान शिव को धतूरा चढ़ाने से कालसर्प, पितृदोष जैसे राहु संबंधी दोष दूर होते हैं।

Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

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