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India News (इंडिया न्यूज), Sawan 2024: सनातन धर्म में भगवान शिव को सृष्टि के संहारक के रूप में पूजा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति को सभी दुखों से मुक्ति मिल जाती है। बता दें कि श्रावण मास में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस माह में स्वयं भगवान शिव सृष्टि का संचालन करते हैं। ऐसे में श्रावण के पावन माह में महादेव के मंत्रों और स्तोत्रों का पाठ करने से विशेष लाभ मिलता है। इन सबके बीच भगवान श्री राम द्वारा की गई भगवान शिव की स्तुति बहुत प्रभावशाली मानी जाती है, तो चलिए जानते इस प्रस्तुति के बारे में..
नमामि शम्भुं पुरुषं पुराणं नमामि सर्वज्ञमपारभावम् ।
नमामि रुद्रं प्रभुमक्षयं तं नमामि शर्वं शिरसा नमामि ॥
नमामि देवं परमव्ययंतं उमापतिं लोकगुरुं नमामि ।
नमामि दारिद्रविदारणं तं नमामि रोगापहरं नमामि ॥
नमामि कल्याणमचिन्त्यरूपं नमामि विश्वोद्ध्वबीजरूपम् ।
नमामि विश्वस्थितिकारणं तं नमामि संहारकरं नमामि ॥
नमामि गौरीप्रियमव्ययं तं नमामि नित्यंक्षरमक्षरं तम् ।
नमामि चिद्रूपममेयभावं त्रिलोचनं तं शिरसा नमामि ॥
नमामि कारुण्यकरं भवस्या भयंकरं वापि सदा नमामि ।
नमामि दातारमभीप्सितानां नमामि सोमेशमुमेशमादौ ॥
नमामि वेदत्रयलोचनं तं नमामि मूर्तित्रयवर्जितं तम् ।
नमामि पुण्यं सदसद्व्यातीतं नमामि तं पापहरं नमामि ॥
नमामि विश्वस्य हिते रतं तं नमामि रूपापि बहुनि धत्ते ।
यो विश्वगोप्ता सदसत्प्रणेता नमामि तं विश्वपतिं नमामि ॥
यज्ञेश्वरं सम्प्रति हव्यकव्यं तथागतिं लोकसदाशिवो यः ।
आराधितो यश्च ददाति सर्वं नमामि दानप्रियमिष्टदेवम् ॥
नमामि सोमेश्वरंस्वतन्त्रं उमापतिं तं विजयं नमामि ।
नमामि विघ्नेश्वरनन्दिनाथं पुत्रप्रियं तं शिरसा नमामि ॥
नमामि देवं भवदुःखशोक विनाशनं चन्द्रधरं नमामि ।
नमामि गंगाधरमीशमीड्यं उमाधवं देववरं नमामि ॥
नमाम्यजादीशपुरन्दरादि सुरासुरैरर्चितपादपद्मम् ।
नमामि देवीमुखवादनानां ईक्षार्थमक्षित्रितयं य ऐच्छत् ॥
पंचामृतैर्गन्धसुधूपदीपैः विचित्रपुष्पैर्विविधैश्च मन्त्रैः ।
अन्नप्रकारैः सकलोपचारैः सम्पूजितं सोममहं नमामि ॥
Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। Indianews.in इसकी पुष्टि नहीं करता है। इसके लिए किसी विशेषज्ञ से सलाह जरुर लें।
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