संबंधित खबरें
दुश्मनी के बावजूद भी क्यों पांडवों ने कर्ण के बेटे को सौंप दिया था इन्द्रप्रस्थ का राजपाठ? कौन था कर्ण का वो एक बेटा जो रह गया था जीवित?
कलियुग की स्त्रियों को लेकर श्रीकृष्ण की अर्जुन से कही ये 3 बातें आज हो रही है पत्थर की लकीर की तरह सच, जानें सबकुछ
पर्स में ये एक चीज रखते ही खींची आती है मां लक्ष्मी…पैसों के साथ-साथ जीवन में भी भर देती है सुख-समृद्धि
2025 में राहु-केतु करेंगे इन 3 राशियों का बंटा धार, राजा से फ़कीर बनाने में नहीं छोड़ेंगे कोई कसर, जानें नाम
शिव की नगरी काशी से कभी नहीं लानी चाहिए ये 2 चीजें घर, पाप नहीं महापाप बन जाएगी आपकी ये भूल?
पूरे 9 साल के बाद इन 5 राशियों पर शांत हुआ मां काली का गुस्सा, अब जिंदगी में दिखेंगे दो बड़े बदलाव
India News(इंडिया न्यूज),Sawan 2024: सावन का महीना शिव का सबसे प्रिय महीना कहा जाता है। इस बार सावन का महीना 22 जुलाई से शुरू होकर 19 अगस्त 2024 तक चलेगा। इस साल शिव भक्तों को शिव जी की पूजा के लिए 29 दिन मिलेंगे। सावन में रुद्राभिषेक (सावन रुद्राभिषेक) को विशेष महत्व दिया गया है। आइए जानते हैं सावन में रुद्राभिषेक करने के धार्मिक लाभ और विधि।
शिवपुराण के अनुसार शिव के रूद्र अवतार का विधिवत तरीके से रुद्राभिषेक करने से मनुष्य को जीवन के कष्टों से मुक्ति मिलती है। धन-संपत्ति में वृद्धि के लिए सावन सोमवार को रुद्राभिषेक करना शुभ होता है। सावन में रुद्राभिषेक करने से काल सर्प दोष दूर करने का सबसे अच्छा तरीका माना जाता है। सावन में रुद्राभिषेक करने से राहु और केतु के अशुभ प्रभाव कम होते हैं। अगर पति-पत्नी घर में एक साथ भगवान शिव का रुद्राभिषेक करें तो उनके दांपत्य जीवन में मधुरता बढ़ती है। सावन में रुद्राभिषेक करने से ग्रहों के अशुभ प्रभाव भी कम हो सकते हैं। शनि महादशा (शनि दोष) से पीड़ित लोगों को सावन में रुद्राभिषेक जरूर करना चाहिए।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए सावन के महीने में कठोर तप किया था। उन्होंने अन्न-जल त्यागकर भोलेनाथ का ध्यान किया और रुद्राभिषेक किया। जिसके फलस्वरूप देवी पार्वती को भगवान शिव पति के रूप में प्राप्त हुए।
सावन सोमवार को आप मंदिर या घर पर शिवलिंग का रुद्राभिषेक कर सकते हैं।
रुद्राभिषेक से पहले भगवान गणेश, माता पार्वती, ब्रह्मदेव, मां लक्ष्मी, नवग्रह, धरती माता, अग्नि देव, सूर्य देव और मां गंगा का ध्यान करें और उनकी पूजा करें।
Ramayana: वनवास में भगवान राम ने किया था इन 4 चीजों का निर्माण, आज के समय में यह है ये जगह
रुद्राभिषेक करने वालों का मुख पूर्व दिशा की ओर होना आवश्यक है।
श्रृंगी (अभिषेक करने का यंत्र) में गंगा जल डालकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। इस दौरान ओम नमः शिवाय मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
अब महादेव को दूध, दही, घी, शहद, गन्ने का रस, इत्र चढ़ाएं।
अब सफेद चंदन का लेप बनाकर आपको शिवलिंग का श्रृंगार करें।
भगवान शिव को उनकी प्रिय वस्तुएं जैसे पान, साबुत चावल, अबीर, सुपारी, बेलपत्र, रोली, मौली, भांग, जनेऊ, धतूरा, आक का फूल, राख, नारियल आदि अर्पित करें तथा भगवान को फल और मिठाई का भोग लगाएं।
अंत में आरती करें तथा अभिषेक का जल पूरे घर में छिड़कें।
Sawan 2024 Jyotirlinga: सावन में करें इन 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन, होगी सभी मनोकामना पूरी
Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.