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India News (इंडिया न्यूज),Secrets of hairs: क्या आप जानते हैं कि किसी व्यक्ति के चेहरे, शारीरिक संरचना, आकृति, वाणी, भाषा, व्यवहार और यहां तक कि उसके बालों को देखकर उसके स्वभाव, दृष्टिकोण का अंदाजा लगाया जा सकता है। ज्योतिष शास्त्र के त्रिस्कंध, सिद्धांत, संहिता, होरा में दो और स्कंध जुड़ने पर पंचस्कंध माने जाते हैं। विद्वानों के अनुसार बहुआयामी ज्योतिष के जरिए व्यक्ति के भविष्य, स्वभाव और प्रवृत्ति के बारे में सब कुछ जाना जा सकता है। प्राचीन ऋषियों और महर्षियों ने संहिता ग्रंथों में ग्रहों और तारों के प्रभाव के साथ-साथ व्यक्ति के हाथ के निशान, पैरों की रेखाओं सहित शरीर के सभी अंगों के शुभ-अशुभ परिणामों का उल्लेख किया है। बाद में इस ज्ञान को अलग से सामुद्रिक शास्त्र के रूप में जाना जाने लगा।
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ज्योतिष शास्त्र के अंतर्गत सामुद्रिक शब्द का अर्थ शरीर के लक्षण और विशेषताओं को जानना होता है। विचार, भावनाएं, आभा, आभा सहित संपूर्ण शरीर का विश्लेषण करके व्यक्ति के गुण, दोष, स्वभाव आदि का आसानी से पता लगाया जा सकता है। ज्योतिष की प्राचीन पांडुलिपियों में व्यक्ति के शरीर के विभिन्न अंगों पर ग्रहों के प्रभाव का वर्णन किया गया है। नवग्रहों में सूर्य हड्डियों का, चंद्रमा मन का, मंगल रक्त का तथा बुध त्वचा का कारक है। बृहस्पति शरीर में वसा का, शुक्र सौंदर्य और वीर्य का, शनि रोग, बाल और बाह्य त्वचा का, राहु विचारों का तथा केतु विचारों को व्यक्त करने के माध्यम का कारक है। बालों को देखकर व्यक्ति के गुण, स्वभाव और मनोवृत्ति को आसानी से जाना जा सकता है, मस्तिष्क के विचार भी बालों के रूप में प्रकट होते हैं। बालों के स्वभाव से स्वभाव के हर पहलू को जाना जा सकता है।
बालों को लंबा और चमकदार बनाने के लिए आयुर्वेद में कई जड़ी-बूटियों का उल्लेख है। इन जड़ी-बूटियों का संबंध ग्रहों और नक्षत्रों से है जिनका उपयोग चिकित्सा ज्योतिष में किया जाता है। चिकित्सा ज्योतिष हर अंग से संबंधित रोगों और उनके उपचार के बारे में मार्गदर्शन देता है। बालों के साथ-साथ शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए हर व्यक्ति को अपनी कुंडली में लग्नेश्वर यानी अपने लग्न के स्वामी की स्थिति जाननी चाहिए और उसे मजबूत करना चाहिए। सामुद्रिक शास्त्र व्यक्ति के स्वभाव के बारे में संकेत देता है, जब तक कि किसी एक तत्व की पुष्टि ज्योतिष के अन्य मानकों आदि से न हो जाए, उसे अंतिम निर्णय या भविष्यवाणी नहीं मानना चाहिए।
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