India News (इंडिया न्यूज़), Shani Dev: शनि देव इन ग्रहों पर हमेशा अपनी कृपा बरसाते हैं और साढ़ेसाती कुछ ही समय के लिए रहती है। वैदिक ज्योतिष में शनि को सबसे धीमी गति से चलने वाला और पापी ग्रह माना जाता है। शनि एक राशि में करीब कई सालों तक रहते हैं और फिर दूसरी राशि में चले जाते हैं। इससे शनि का प्रभाव जातकों के जीवन पर लंबे समय तक बना रहता है। शनि देव व्यक्ति को उसके कर्मों के आधार पर परिणाम देते हैं। शनि देव को न्यायाधीश भी कहा जाता है। शनि देव व्यक्ति को अच्छे कर्म करने पर अच्छा और बुरे कर्म करने पर बुरा फल देते हैं। जब भी शनिदेव राशि बदलते हैं तो उनकी दशा, साढ़ेसाती और ढैय्या सभी को प्रभावित करती है, लेकिन कुछ राशियां ऐसी भी होती हैं जिन पर शनि का अशुभ प्रभाव होता है।
इन राशियों पर मेहरबान रहेंगे शनि देव
कुंभ
शनिदेव दो संपत्तियों के स्वामी हैं। जिसमें कुंभ राशि भी शामिल है। यह शनिदेव की मूल त्रिकोण राशि भी है। इस राशि के जातकों पर शनिदेव की कृपा बनी रहती है। कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या या महादशा का प्रभाव बहुत अशुभ नहीं होता है। इन जातकों पर शनिदेव की कृपा होने से इन्हें जीवन में कभी भी धन की कमी महसूस नहीं होती है।
तुला
शनिदेव तुला राशि में उच्च के होते हैं यानी तुला राशि पर इनका सबसे शुभ प्रभाव होता है। इस प्रकार शनि की दशा और साढ़ेसाती के दौरान तुला राशि पर शनि का प्रकोप अधिक नहीं होता है। तुला राशि के जातकों को शनि अधिक कष्ट नहीं देते हैं। इस राशि के स्वामी शुक्रदेव हैं, जिसके कारण ऐसे जातकों के जीवन में शनिदेव की विशेष कृपा रहती है।
वृषभ
वृषभ राशि के जातकों पर शनिदेव सदैव अपनी शुभता बरसाते हैं। इस राशि के स्वामी भी शुक्रदेव हैं। इस राशि के जातकों पर शनिदेव की चाल से सभी प्रकार का विनाश होता है। आर्थिक स्थिति अच्छी रहती है और सुख, समृद्धि और निशाचर की प्राप्ति होती है।
मकर राशि
मकर राशि शनिदेव की पसंदीदा राशियों में से एक है। इस राशि के स्वामी स्वयं शनिदेव हैं। मकर राशि पर शनि की साढ़ेसाती के कारण शनिदेव अधिक कष्ट नहीं देते है। शनिदेव की पूजा करने के बाद मकर राशि के जातक सुबह-सुबह खरीदारी करके शनिदोष से मुक्ति पा सकते हैं।
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