संबंधित खबरें
धारण करते हैं दुसरा भेस! देवी-देवता इन रुपों में देते हैं दरशन, अगर महाकुंभ में मिल जाए ये वस्तु तो पलट जाएगा भाग्य!
बन रहा महासंयोग, शुक्र-शनि मिल कर बना रहे हैं शश राजयोग, इन रेशियों की खुलेगी किस्मत की चाभी!
इस मूलांक के जातकों की बदल जाएगी किस्मत, नए हमसफर का मिल सकता है साथ, जिंदगी में होगा पलटफेर!
Today Horoscope: इस एक राशि के जीवन में आएगा एक नया साथी, तो वही 5 जातकों को रखना होगा अपने काम का विशेष ध्यान, जानें आज का राशिफल
Basant Panchami 2025: 2 या 3 फरवरी आखिर कब है इस साल की बसंत पंचमी, इस एक उपाय को करने से पाए पूरे साल सुख और ऐश्वर्य?
लम्बे समय से जकड़े हुई है कोई बीमारी पाना चाहते है छुटकारा, तो मंगलवार को जरूर करें ये छोटा सा काम?
India News (इंडिया न्यूज), Shardiya Navratri 2023 Day 6: हिन्दु धर्म में शारदीय नवरात्र का विशेष महत्व होता है। वहीं शारदीय नवरात्र के छठे दिन जगत जननी आदिशक्ति मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। इस दिन साधक का मन ‘आज्ञा चक्र’ में अवस्थित होता है। वहीं साधक इस चक्र में रहकर मां की साधना में लीन रहते हैं। सनातन शास्त्रों क हा जाता है कि मां कात्यायनी बेहद दयालु और कृपालु होती हैं। अपनी कृपा -दृष्टि सभी साधकों के उपर बरसाती रहती हैं। जिससे साधक के जीवन में व्याप्त सभी दुख और संकट दूर हो जाते हैं। तो चलिए जानते हैं शारदीय नवरात्र के छठे दिन कैसे और किस विधि- विधान से मां कात्यायनी की पूजा करनी चाहिए।
आज के पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्र की पंचमी तिथि 20 अक्टूबर को देर रात 12 बजकर 31 मिनट से शुरू होगी और यह रात 11 बजकर 24 मिनट तक रहेगी। जिसके पश्चात, सप्तमी तिथि शुरू हो जाएगी। अतः साधक को दिनभर माता की पूजा कर सकते हैं।
शारदीय नवरात्र के छठे दिन यानी आज ब्रह्म बेला में उठें। जिसके बाद, घर की साफ-सफाई कर लें। दैनिक कार्यों से निवृत होने के बाद गंगाजल से युक्त पानी से स्नान कर लें। आसान शब्दों में कहें तो स्नान करने वाले पानी में गंगाजल को मिला लें। फिर स्नान-ध्यान कर आचमन करें। वहीं इसी समय व्रत संकल्प लें और नवीन लाल रंग के वस्त्र को धारण करें। इस समय सूर्य देव को जल का अर्घ्य दें। इसके बाद फिर पूजा गृह में चौकी पर लाल वस्त्र को बिछाकर मां की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। अब इन मंत्रों से मां कात्यानी का आह्वान करें-
चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहन।
कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी ॥
या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
इसके बााद पंचोपचार कर मां कात्यायनी की पूजा विधि-विधान से करें। मां को लाल रंग काफी प्रिय माना जाता है। अतः मां को लाल रंग के फूल और फल को अर्पित करना चाहिए। साथ ही फल, फूल, पान, सुपारी, दूर्वा, तिल, जौ, अक्षत आदि से मां की पूजा करना चाहिए। विवाहित स्त्रियां सुख और सौभाग्य प्राप्ति के लिए और अविवाहित जातक शीघ्र विवाह के लिए श्रृंगार की वस्तुएं भी भेंट कर सकते हैं। इस समय दुर्गा चालीसा, कवच और स्त्रोत का पाठ करना चाहिए। अंत में मां की आरती को कर सुख, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति की कामना करना चाहिए। मनोकामना पूर्ति के लिए उपवास रखें।
ये भी पढ़ें – Shardiya Navratri 2023 Day 5 : नवरात्रि के पांचवें दिन ऐसे होती है मां स्कंदमाता की पूजा, जानें पूजाविधि और भोग
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.