Shardiya Navratri Maa Durga Bhog: शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है और नवरात्रि के 9 दिनों में भक्त पूरे विधि विधान से माता दुर्गा के 9 स्वरूपो की पूजा करते है और व्रत रखते है, नवरात्रि की पूजा में माता रानी को उनकी पसंद का भोग भी लगाया जाता है, ऐसे में ज्यादातर लोग फल और मिठाई का भोग लगाते हैं, लेकिन कुछ फल ऐसे होते हैं, जिन्हें विशेषरूप से मां दुर्गा को नहीं चढ़ाना चाहिए और ना ही भोग लगाना चाहिए, तो चलिए जानते हैं यहां कि कौन से फल का भोग माता रानी को नहीं लगाना चाहिए
गलती से भी ना लगाए मा दुर्गा को इन फलों का भोग
पूजा-पाठ के बाद सभी देवी-देवताओं को भोग अर्पित किए जाता है और कहा जाता है कि देवी-देवता को उनकी पसंद का भोग लगाने से वो प्रसन्न होते हैं और शुभ फल देते हैं, ऐसे में नवरात्रि के 9 दिनों में भी मां दुर्गी की पूजी की जाती है और विभिन्न तरह के फल और व्यजंनों का भोग उन्हें लगाया जाता है, ताकी वो अपने भक्तों से खुस हो जाए और अपनी कृपा उन पर बर साए, लेकिन कई लोगों को नहीं पता होती की माता रानी को क्या पसंद हैं और वो गलती से ऐसे फल का भोग उन्हें लगा देते हैं, जो देवी मां को बिल्कुल पसंद नहीं होता है, ऐसे में माता रानी नाराज हो सकती हैं.
शारदीय नवरात्रि में माता दुर्गा को कौन से फल का नहीं लगाना चाहिए भोग
हम आपको बता दें कि शारदीय नवरात्रि के दौरान माता दुर्गा को नींबू, इमली, सूखा नारियल, नाशपाती और अंजीर जैसे फलों का भोग गलती से भी नहीं लगाना चाहिए, इसकी जगह आप मा दुर्गा को भोग लगाने के लिए अनार, सेब, शरीफा, केला, सिंघाटा, पानी वाला नारियल आदि जैसे फलों का भोग लगा सकते हैं. इसके अलावा शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 रूपों को अलग-अलग दिनों में विशेष तरह के भोग लगाने की परंपरा हैं. ऐसे में आप फलों के साथ-साथ माता के स्वरूपों की पसंद के पकवानों का भी भोग लगाया सकते हैं, जो शुद्धता और पवित्रता के साथ तैयार किया गया हो.
कौन सी माता को कौन सा भोग है सबसे पसंद?
मां शैलपुत्री को घी से बने व्यंजन का भोग बेहद पसंद होता है, ब्रह्मचारिणी को मिश्री-शक्कर का भोग प्रिय है, मां चंद्रघंटा को केसर की खीर का भोग पसंद होता है, कुष्मांडा को मालपुआ का भोग बेहद प्रिय है, स्कंदमाता को केला ज्यादा पसंद है, कात्यायनी को शहद से बने भोग काफी पसंद आते हैं, कालात्रि को गुड़ से बनी चीजें भोग बेहद पसंद है, महागौरी को नारियल और मां सिद्धिदात्री को हलवा-पुरी और चने का भोग सबसे अधिक प्रिय है
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