ADVERTISEMENT
होम / धर्म / Shiv: पांडवो से क्रोधित हो जब भगवान शिव ने दिया था ऐसा भयानक श्राप, जानें क्यों?

Shiv: पांडवो से क्रोधित हो जब भगवान शिव ने दिया था ऐसा भयानक श्राप, जानें क्यों?

BY: Prachi Jain • LAST UPDATED : July 29, 2024, 3:42 pm IST
ADVERTISEMENT

संबंधित खबरें

Shiv: पांडवो से क्रोधित हो जब भगवान शिव ने दिया था ऐसा भयानक श्राप, जानें क्यों?

India News(इंडिया न्यूज), Shiv & Pandav: महाभारत की अनेको कहानियां हम बचपन से सुनते हुए आ रहे हैं कई कहानियां, पन्ने से तो हम रूबरू हो चुके हैं लेकिन कई किस्से कहानियों से हम आज भी बेखबर हैं। उन्ही में से एक हैं पांडवो से क्रोधित हो जब भगवान शिव ने दिया था उन्हें श्राप? जी हाँ…! भगवान शिव और पांडवों के बीच का यह प्रसंग महाभारत के कुछ रोचक और प्रेरणादायक कहानियों में से एक है। यह घटना विशेष रूप से महाभारत के ‘वनपर्व’ (वनकाल) में वर्णित है, जब पांडवों ने वनवास और अज्ञातवास का समय बिताया था।

घटना की पृष्ठभूमि:

जब पांडव वनवास पर थे, उन्होंने बहुत से कठिन और कठिन कार्य किए और भगवान शिव की पूजा भी की। एक बार, भगवान शिव ने पांडवों के समक्ष प्रकट होने का निर्णय लिया और उन्हें अपने दिव्य रूप में दर्शन दिए।

Mahabharata में इन लोगों को श्री कृष्ण ने कर दिया था जिंदा, इस कारण से पलट दिया कुदरत का खेल

भगवान शिव का श्राप:

भगवान शिव ने पांडवों से कहा कि वे युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव की कठिनाइयों और संकटों को समझने के लिए उनके साथ एक विशेष परीक्षा में शामिल हों। इस परीक्षा में, भगवान शिव ने पांडवों को एक विशेष प्रार्थना की और कहा कि यदि वे उस प्रार्थना को पूरा करने में असमर्थ रहे, तो वे श्रापित हो सकते हैं। पांडवों ने अपनी सारी शक्ति और श्रद्धा के साथ प्रार्थना की, लेकिन किसी कारणवश उन्होंने सही ढंग से पूरी नहीं की।

भगवान शिव ने इस असफलता के कारण पांडवों को एक भयानक श्राप दिया। श्राप के अनुसार, पांडवों को कष्ट सहना पड़ेगा और उनके कुछ कार्य असफल होंगे। इस श्राप का प्रभाव महाभारत के युद्ध में देखा जा सकता है, जहाँ पांडवों को अनेक कठिनाइयों और संकटों का सामना करना पड़ा।

Mahabharat Draupadi: 5 पतियों से विवाह होने के बावजूद भी क्यों Draupadi कहलाती थी ‘सती’? जानें वजह!

कारण और परिणाम:

भगवान शिव का यह श्राप पांडवों की परीक्षा और उनके धैर्य की परीक्षा के रूप में देखा जा सकता है। यह भी एक महत्वपूर्ण शिक्षा का संदेश देता है कि देवी-देवताओं की पूजा और उनके आदेशों को पूरी श्रद्धा और सावधानी से करना चाहिए। श्राप का उद्देश्य पांडवों को और अधिक सशक्त और धैर्यवान बनाना था, ताकि वे अपने जीवन की कठिनाइयों को बेहतर ढंग से सामना कर सकें।

इस तरह के प्रकरण पौराणिक कथाओं में बहुत महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि वे हमें जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने और कठिनाइयों का सामना करने की प्रेरणा देते हैं।

Mahabharat: अर्जुन ही नहीं बल्की दुर्योधन की पत्नी भी थी अपार सुंदर, जिसने कर लिया था अर्जुन से विवाह

Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

Tags:

bhagwan shivDevotionalDharamKaramdharmDharmikDharmkiBaatDharmNewsindianewslatest india newsPaathKathayespritualSpritualitytoday india newsइंडिया न्यूज

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT