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India News (इंडिया न्यूज़), Premanand Maharaj on Periods: महिलाओं के पीरियड्स को लेकर कई तरह की मान्यताएं पुराने समय से ही प्रचलित हैं। खासकर पूजा-पाठ, व्रत-उपवास और मंदिर जाने को लेकर काफी सख्त नियम देखने को मिलते हैं। हालांकि, समय बदल गया है और लोगों की सोच काफी आधुनिक हो गई है। लेकिन अभी भी पीरियड्स को लेकर लोगों की सोच नहीं बदली है।
दरअसल, घर में कोई पूजा-पाठ करनी हो तो कई बार लड़कियां और महिलाएं इस बात को लेकर चिंतित हो जाती हैं कि कहीं पूजा से पहले ही उन्हें पीरियड्स ना आ जाएं। ऐसे समय में वो पूजा के लिए प्रसाद भी तैयार नहीं कर पाती हैं। मथुरा-वृंदावन में प्रवचन देने वाले प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj) ने बताया कि मासिक धर्म या पीरियड्स के दौरान भगवान की पूजा करनी चाहिए या नहीं?
सोशल मीडिया पर एक वीडियो में एक भक्त के सवाल का जवाब देते हुए प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि शास्त्रों में बताया गया है कि महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान कोई भी पूजा या ईश्वरीय अनुष्ठान नहीं करना चाहिए, यह उनके लिए मनाही है।
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उन्होंने बताया कि मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को साप्ताहिक अनुष्ठान नहीं करना चाहिए। हां, लेकिन महिलाएं इस बीच भागवत गा सकती हैं। मासिक धर्म के दौरान तीन दिनों तक प्रसाद बनाने से बचना चाहिए। प्रेमानंद महाराज ने बताया, शास्त्रों में ऐसी मर्यादा है कि महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान शास्त्र पढ़ने, भोजन पकाने, ठाकुर जी की सेवा करने की मनाही है। उन्होंने यह भी बताया कि महिलाओं और बहनों को मासिक धर्म के दौरान 3 दिनों तक पूरे मन से ठाकुर जी का नाम जपना चाहिए। इसके अलावा आप पूरे मन से भजन और भक्ति कर सकती हैं। भजन कभी नहीं रोकना चाहिए।
कथावाचक जया किशोरी (Jaya Kishori) ने भी कुछ समय पहले पीरियड्स के मुद्दे पर अपनी राय रखी थी। उन्होंने कहा था कि पहले के समय में मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता के ज्यादा साधन नहीं थे। उस समय महिलाओं को काफी परेशानी होती थी। इसलिए उन्हें पीरियड्स के दौरान आराम करने और अपना ख्याल रखने की सलाह दी जाती थी। लेकिन लोग इसे रूढ़िवादी सोच के नजरिए से देखने लगे।
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पुराने समय में महिलाओं और लड़कियों को पीरियड्स के दौरान मंदिर जाने से मना किया जाता था। ऐसा इसलिए क्योंकि पहले के समय में लोग मंदिर में पूजा करने के लिए नदी में नहाते थे, इसलिए महिलाओं को पीरियड्स के दौरान मंदिर जाने से मना किया जाता था।
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