India News (इंडिया न्यूज), Shri Krishna: महाभारत के युद्ध के पश्चात, कुरुक्षेत्र के मैदान पर जब सन्नाटा छाया हुआ था, तब श्री कृष्ण के परिवार में एक महत्वपूर्ण और रहस्यमय घटना घटित हुई। यह घटना उनके पुत्र सांबा की कथा से जुड़ी है, जो अपने पिताजी श्री कृष्ण के लिए एक महत्वपूर्ण और कठिन चुनौती साबित हुआ।
श्री कृष्ण की आठ पत्नियों में से एक जामवंती थीं, जो निषादराज जामवंत की बेटी थीं। जामवंती और श्री कृष्ण के पुत्र सांबा हुए। सांबा का स्वभाव अपने समय के अधिकांश व्यक्तियों से भिन्न था; वह दुष्ट और अधर्मी प्रवृत्ति का था। इसके बावजूद, श्री कृष्ण ने हमेशा उसे धर्म के मार्ग पर चलने की सलाह दी, लेकिन सांबा के दिल में ईश्वर के मार्ग पर चलने की गहरी इच्छा नहीं थी।
Mahabharat: ये था महाभारत का वो सबसे दर्दनाक क्षण, जिसे देख खुद भगवान की भी भर आई थी आंख?
महाभारत युद्ध के दौरान, गांधारी ने अपने पुत्रों की मृत्यु के लिए श्री कृष्ण को दोषी ठहराया और उन्होंने श्री कृष्ण के कुल को एक श्राप दिया। इस श्राप के अनुसार, श्री कृष्ण के कुल में जन्मे सभी पुत्र दुष्ट और अधर्मी होंगे। यह श्राप श्री कृष्ण के परिवार की खुशहाल ज़िन्दगी पर एक काली छाया की तरह लहराने लगा।
एक दिन, सांबा की दुष्टता और अधर्म से प्रभावित होकर, रानी नंदनी ने सांबा की पत्नी का रूप धारण किया और उसे गले लगा लिया। यह घटना नारद ऋषि ने देख ली। नारद ऋषि, जो सदा सत्य की खोज में रहते हैं, ने इस असामान्य घटना को देखा और तुरंत श्री कृष्ण को सूचित कर दिया।
Mahabharata में इन लोगों को श्री कृष्ण ने कर दिया था जिंदा, इस कारण से पलट दिया कुदरत का खेल
जब श्री कृष्ण को इस घटना की जानकारी मिली, तो वे बेहद क्रोधित हो गए। उन्होंने सांबा को कोढ़ी होने का श्राप दे दिया। यह श्राप सांबा के लिए एक कठोर सजा थी, जो उसके अधर्म के कारण उसके जीवन को और अधिक कठिन बना दिया।
सांबा की इस स्थिति से उबरने के लिए महर्षि कटक ने उसे सूर्य देव की उपासना करने का निर्देश दिया। सांबा ने महर्षि कटक की सलाह मानते हुए 12 वर्षों तक कठिन तपस्या की। सूर्य देव उसकी तपस्या से प्रसन्न हुए और उन्होंने सांबा को कोढ़ से मुक्ति पाने का मार्ग बताया। सूर्य देव ने सांबा को चंद्रभागा नदी में स्नान करने के लिए कहा। सांबा ने चंद्रभागा नदी में स्नान किया और उसकी तपस्या सफल रही। चंद्रभागा नदी को कोढ़ ठीक करने वाली नदी के रूप में जाना जाता है, और इस नदी में स्नान करने से सांबा को अपने कोढ़ से मुक्ति मिल गई।
Mahabharata: श्रीकृष्ण ने क्यों किया था अर्जुन के किन्नर पुत्र से विवाह? वजह जान हैरान रह गई थी सभा!
आज भी चंद्रभागा नदी को विशेष महत्व प्राप्त है। इस नदी में स्नान करने वाले व्यक्ति के कोढ़ की बीमारी जल्दी ठीक हो जाती है। सांबा की तपस्या और चंद्रभागा नदी की विशेषता से जुड़ी यह कथा हमें यह सिखाती है कि सच्ची भक्ति और तपस्या से किसी भी कठिनाई को पार किया जा सकता है।
सांबा की कहानी श्री कृष्ण के परिवार की एक महत्वपूर्ण घटना को उजागर करती है। यह कथा न केवल सांबा के जीवन की कठिनाइयों को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि भक्ति, तपस्या, और सही मार्ग पर चलने की इच्छाशक्ति से जीवन की कठिनाइयों का सामना कैसे किया जा सकता है।
आपके बच्चे के बालो में पड़े भंवर का क्या होता हैं मतलब?
Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.