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एक श्लोक में बसा है 100 करोड़ रामायण पढ़ने का फल…जानें श्री राम भद्राचार्य से कैसे करें उस मंत्र का सही उच्चारण?

BY: Prachi Jain • LAST UPDATED : January 21, 2025, 6:00 pm IST
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एक श्लोक में बसा है 100 करोड़ रामायण पढ़ने का फल…जानें श्री राम भद्राचार्य से कैसे करें उस मंत्र का सही उच्चारण?

Shri Ram Bhadracharya Ji Maharaj: एक श्लोक में बसा है 100 करोड़ रामायण पढ़ने का फल श्री राम भद्राचार्य से जानें कैसे करें उस मंत्र का सही उच्चारण

India News (इंडिया न्यूज), Shri Ram Bhadracharya Ji Maharaj: श्रीराम भद्राचार्य द्वारा प्रस्तुत एक विशेष श्लोक में यह कहा गया है कि इस श्लोक का सही उच्चारण करने से व्यक्ति को 100 करोड़ रामायण पढ़ने का फल प्राप्त होता है। यह श्लोक रामायण के अध्ययन और भक्ति का परम महत्व बताता है और इसका सही उच्चारण अत्यधिक पुण्य देने वाला माना जाता है।

यह श्लोक इस प्रकार है:

“रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे | रघुनाथाय नाथाय सीतायाः पतये नमः ||”

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श्लोक का उच्चारण विधि:

  1. रामाय (Ramaya) – “रा” को साफ और स्पष्ट उच्चारित करें। “राम” का उच्चारण सही तरीके से करें।
  2. रामभद्राय (Ramabhadraya) – “राम” और “भद्र” के उच्चारण पर ध्यान दें। “राम” को स्थिर, साफ और मध्यम स्वर में बोलें।
  3. रामचन्द्राय (Ramachandraya) – “रामचन्द्र” को सुनहरे लय में उच्चारित करें, ध्यान रखें कि “च” को हल्के से उच्चारित किया जाए।
  4. वेधसे (Vedhase) – “वे” और “ध” का उच्चारण नर्म और स्पष्ट करें।
  5. रघुनाथाय (Raghunathaya) – “रघु” और “नाथ” पर विशेष ध्यान दें, “नाथ” का उच्चारण गहरा और भव्य हो।
  6. नाथाय (Nathaya) – यह शब्द शुद्ध और दृढ़ उच्चारित किया जाना चाहिए।
  7. सीतायाः (Sitayaah) – “सीता” का उच्चारण प्यारा और मधुर होना चाहिए।
  8. पतये (Pataye) – यह शब्द नर्म और बारीक तरीके से उच्चारित करें।
  9. नमः (Namah) – अंत में “नमः” का उच्चारण गहरे मन से करें, साथ ही सिर झुका कर श्रद्धा के साथ निवेदन करें।

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उच्चारण का महत्व:

  • इस श्लोक का उच्चारण करने से व्यक्ति को श्रीराम की अनंत कृपा प्राप्त होती है।
  • यह मंत्र शुद्ध श्रद्धा और भक्ति से किया जाना चाहिए, तभी इसका पूरा फल मिलता है।
  • ध्यान रखें कि उच्चारण स्पष्ट, सही और सही समय पर हो, जिससे पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ यह श्लोक असरदार हो।

यदि आप इसे नियमित रूप से और सही उच्चारण के साथ पढ़ते हैं, तो आपको रामायण के अध्ययन का पुण्य प्राप्त होता है, जो आपकी भक्ति और शुभकर्मों में वृद्धि करेगा।

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डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

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Shri Ram Bhadracharya Ji Maharaj

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