संबंधित खबरें
महाकुंभ में किन्नर करते हैं ये काम…चलती हैं तलवारें, नागा साधुओं के सामने कैसे होती है 'पेशवाई'?
सोमवती अमावस्या के दिन भुलकर भी न करें ये काम, वरना मुड़कर भी नही देखेंगे पूर्वज आपका द्वार!
80 वर्षों तक नही होगी प्रेमानंद जी महाराज की मृत्यु, जानें किसने की थी भविष्यवाणी?
घर के मंदिर में रख दी जो ये 2 मूर्तियां, कभी धन की कमी छू भी नही पाएगी, झट से दूर हो जाएगी कंगाली!
इन 3 राशियों के पुरुष बनते हैं सबसे बुरे पति, नरक से बदतर बना देते हैं जीवन, छोड़ कर चली जाती है पत्नी!
अंतिम संस्कार के समय क्यों मारा जाता है सिर पर तीन बार डंडा? जानकर कांप जाएगी रूह
India News (इंडिया न्यूज), Significance of Ganga Jal: गंगा नदी एक पवित्र नदी है, आज भी हर शुभ अवसर पर गंगा जल का उपयोग किया जाता है। हिंदू धर्म में बच्चे के जन्म से लेकर उसकी मृत्यु तक गंगा जल की अहम भूमिका होती है। लगभग हर हिंदू के घर में गंगा जल से भरी बोतल मिलना आम बात है। लेकिन सोचने वाली बात यह है कि कई सालों तक बोतल में बंद रहने के बाद भी गंगाजल कभी खराब या मिलावटी क्यों नहीं होता, जबकि बोतल में कई दिनों तक रखा सामान्य पानी या तो खराब हो जाता है या उसमें कीटाणु लग जाते हैं? इस संबंध में वैज्ञानिकों ने कई शोधों के जरिए यह साबित किया है कि गंगाजल किसी खास तरह के वायरस से दूषित नहीं होता। आइए इस विषय पर मशहूर ज्योतिषी चिराग बेजान दारूवाला से और गंभीरता से जानते हैं।
गंगा (भागीरथी) अपने उद्गम गंगोत्री से शुरू होकर हिमालय से होकर बहती हुई हरिद्वार (देवप्रयाग) में अलकनंदा से मिलती है। गंगा की इस यात्रा में गंगाजल में एक तरह की जड़ी-बूटियां घुल जाती हैं, जिससे गंगाजल में अन्य नदियों के पानी की तुलना में ज्यादा साफ होता है और इसमें कई औषधीय गुण भी होते हैं।
हर नदी के पानी में उसकी जैविक संरचना के अनुसार लवण घुले होते हैं, जिनमें से कुछ बैक्टीरिया को पनपने देते हैं और कुछ को नहीं। वैज्ञानिक शोध के अनुसार, गंगा के पानी में ऐसे बैक्टीरिया होते हैं, जो गंगा के पानी में कीटाणुओं को पनपने नहीं देते, जिसके कारण इसका पानी लंबे समय तक दूषित नहीं रहता।
कैसे खत्म होगी दुनिया, पैदा होगा ऐसा ‘इंसान’…कलियुग सतयुग सब एक बार में आ जाएगा नजर!
शोध के अनुसार, गंगा की रेत में तांबा, क्रोमियम और रेडियोधर्मी थोरियम की मात्रा अन्य नदियों की तुलना में बहुत कम है। ये तत्व गंगा के पानी में पत्थरों को रगड़ने से पैदा होने वाले कीटाणुओं को नष्ट कर सकते हैं। शोध में यह भी कहा गया है कि गंगा के पानी में कलिफा नामक एक उपयोगी जीवाणु पाया जाता है, जो हानिकारक कीटाणुओं को नष्ट करके पानी को शुद्ध करता है।
इसके साथ ही लखनऊ के राष्ट्रीय वनस्पति संस्थान ने अपने शोध में बताया है कि गंगा का पानी जहरीले ई. कोली बैक्टीरिया को भी नष्ट कर सकता है। गंगा जल का यह चमत्कारी गुण उसके तल या सतह पर है। वैज्ञानिकों ने जब गंगा के पानी में हानिकारक रोग पैदा करने वाले कीटाणुओं को मिलाया तो उन्होंने पाया कि गंगा जल के प्रभाव से सभी कीटाणु नष्ट हो जाते हैं।
अगर किसी के घर में हर दिन लड़ाई-झगड़ा होता है तो उसे पूजा के बाद अपने पूरे घर में गंगाजल छिड़कना चाहिए। ऐसा करने से न सिर्फ घर से झगड़े दूर होंगे बल्कि घर से नकारात्मकता भी दूर होगी और सकारात्मकता का प्रवेश होगा।
मृत्यु के वक्त भी दुर्योधन ने इस देवता को क्यों दिखाई थी 3 उंगलियां? वजह जान उड़ जाएंगे होश!
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.