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मोक्षदा एकादशी पर मृत्यु चुनने वाले कौन थे बाबा सियाराम? भक्तिमार्ग में कैसे हो गए इतने प्रसिद्ध?

BY: Deepak • LAST UPDATED : December 11, 2024, 2:47 pm IST
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मोक्षदा एकादशी पर  मृत्यु चुनने वाले कौन थे बाबा सियाराम? भक्तिमार्ग में कैसे हो गए इतने प्रसिद्ध?

Siyaram Baba Passes Away: मोक्षदा एकादशी पर बाबा सियाराम ने छोड़ी धरती

India News (इंडिया न्यूज), Siyaram Baba Passes Away: उम्र भर एक लंगोट में गुजरने वाले प्रसिद्ध संत सियाराम बाबा ने आज बुधवार 11 दिसंबर 2024 को अंतिम सांस ली। मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती के दिन सुबह 06:10 बजे भट्टायन बुजुर्ग स्थित आश्रम में उनका निधन हो गया। बताया जा रहा है कि संत सियाराम बाबा पिछले कुछ दिनों से बीमार थे। उन्हें निमोनिया हो गया था। अस्पताल में इलाज कराने के बाद उन्होंने आश्रम आने का फैसला किया, जहां डॉक्टरों द्वारा उनका इलाज किया जा रहा था। लेकिन इलाज के दौरान ही आज सुबह उनके निधन की खबर सामने आई। खबरों के मुताबिक आज शाम को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

मोक्ष देने वाली है मोक्षदा एकादशी

आज मोक्षदा एकादशी के दिन संत सियाराम बाबा ने अपने प्राण त्याग दिए, जिसके बाद कहा जा रहा है कि सियाराम बाबा को भगवान के चरणों में स्थान मिल गया है। हिंदू धर्म के अनुसार मार्गशीर्ष के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्ष प्रदान करने वाली एकादशी कहा जाता है। साथ ही इस एकादशी के प्रभाव से व्यक्ति को जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति मिलती है। इस एकादशी के प्रभाव से ही राजा वैखानस ने अपने पिता को नरक की यातनाओं से मुक्त कर उनका उद्धार किया था।

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सियाराम बाबा से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

भक्तगण सियाराम बाबा को चमत्कारी भी मानते थे। वे हर मौसम में केवल लंगोटी पहनते थे। कहा जाता है कि उन्होंने 10 साल तक खड़े रहकर तपस्या की थी।सियाराम बाबा ने 12 साल तक मौन रहकर साधना की और जब उन्होंने मौन तोड़ा तो उनका पहला शब्द ‘सियाराम’ था, जिसके बाद से भक्त उन्हें इसी नाम से पुकारने लगे। सियाराम बाबा के बारे में कहा जाता है कि वे लगातार 21 घंटे तक रामायण का पाठ करते थे और पूरी ऊर्जा के साथ रामायण की चौपाइयां पढ़ते थे।

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बाबा के भक्त और अनुयायी जब उनसे मिलने आते थे तो दान करना चाहते थे। लेकिन बाबा सिर्फ 10 रुपये लेते थे। उन्हें अपने भक्तों से 10 रुपये का दान मिलता था और वे इस राशि को भी मंदिर आदि कार्यों के लिए दान कर देते थे।

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Siyaram Baba Passes AwayWho is Siyaram Baba

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