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Skanda Sashti 2024: कब है स्कंद षष्ठी, यहां जानें इस पर्व का महत्व

Reepu kumari • LAST UPDATED : April 12, 2024, 12:57 pm IST

India News (इंडिया न्यूज़), Skanda Sashti 2024: इस वक्त देश में पर्व का माहौल चल रहा है। कल ईद खत्म हुआ है। तो वहीं नवरात्रि जारी है। इस साल चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से शुरू हुई और 17 अप्रैल तक चलेगी। इस दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। देवी दुर्गा के रूप हैं – माँ शैलपुत्री, माँ ब्रह्मचारिणी, माँ चंद्रघंटा, माँ कुष्मांडा, माँ स्कंदमाता, माँ कात्यायनी, माँ कालरात्रि, माँ महागौरी और माँ सिद्धिदात्री। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंद षष्ठी है। यह भगवान मुरुगन, जिन्हें कार्तिकेय के नाम से भी जाना जाता है, का उत्सव मनाया जाता है। सुथ भारत में, भगवान कार्तिकेय को भगवान गणेश का छोटा भाई माना जाता है, जबकि उत्तर भारत में, भगवान कार्तिकेय को भगवान गणेश से बड़ा माना जाता है। जैसा कि हम इस वर्ष स्कंद षष्ठी मनाने की तैयारी कर रहे हैं, यहां कुछ बातें ध्यान में रखनी चाहिए।

कब मनाई जाएगी 

स्कंद षष्ठी शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाती है। इस वर्ष, स्कंद षष्ठी 13 अप्रैल को पड़ रही है। द्रिक पंचांग के अनुसार, शुक्ल षष्ठी 13 अप्रैल को 12:04 बजे शुरू होगी और 14 अप्रैल को 11:43 बजे समाप्त होगी।

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रिवाज क्या है 

स्कंद षष्ठी भगवान मुरुगन को समर्पित छह दिवसीय त्योहार है। यह राक्षस तारकासुर पर भगवान मुरगन की जीत का जश्न मनाता है। भक्त केवल शाकाहारी वस्तुओं का सेवन करके और शराब या मांसाहारी खाद्य पदार्थों के सेवन से परहेज करके छह दिनों तक कठोर उपवास रखते हैं। छठे दिन, भक्त भगवान मुरुगन मंदिर में पूजा करके अपना उपवास तोड़ते हैं।

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महत्व

भगवान मुरुगन या स्कंद भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र हैं। शंदा षष्ठी तमिल महीने अइप्पासी में मनाई जाती है। ऐसा माना जाता है कि जो भक्त स्कंद षष्ठी व्रत का पालन करते हैं, उन्हें अपने जीवन में ढेर सारा धन, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है। स्कंद षष्ठी का पालन करने से सफलता प्राप्त करने, बाधाओं पर काबू पाने और जीवन में आध्यात्मिक ज्ञान और समझ प्राप्त करने में मदद मिलती है।

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