India News (इंडिया न्यूज़), Somvati Amavasya 2024, दिल्ली: सनातन धर्म में अमावस्या तिथि की खास विशेषता होती है। ऐसे में अगर इस दिन सोमवार पड़ता है, तो इस दिन को सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है और इस बार सोमवती अमावस्या 8 अप्रैल को सोमवार के दिन पड़ रही है। कहा जाता है की अमावस्या तिथि पर साल का पहला सूर्य ग्रहण होता है, हालांकि भारत में यह अदृश्य होगा। वैदिक पंचांग के अनुसार अमावस्या तिथि 8 अप्रैल को प्रातः 8:21 से शुरू होते हुए रात की 11:50 तक मान्य रहेगा।
वही इस दिन पर नारद पुराण में चैत्र माह के दिन अमावस्या से जुड़े पवित्र नदियों में स्नान करना, दान पूर्ण करना और दीपदान करने की महत्व को माना जाता है। इस दिन वैवाहिक स्त्रियों द्वारा पीपल के वृक्ष को दूध, जल, पुष्प, अक्षत, चंदन इत्यादि से पूजा और वृक्ष के चारों ओर 108 बार धागा लपेट ने की परिक्रमा की विधि को पूरा किया जाता है। मानता है कि सोमवती अमावस के दिन कुछ धार्मिक उपाय करने से प्राणी के जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है।
शास्त्र के अनुसार स्नान करते समय सत्य नदियों गंगा, जमुना, सिंधु, नर्मदा, गोदावरी, कृष्णा और कावेरी को याद करना चाहिए। इस दिन पवित्र नदियों में स्थान करने से व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है। स्नान के लिए उत्तम समय सूर्योदय से पूर्व माना जाता है। मानता है कि सोमवती अमावस पर विधिवत तरीके से स्नान करने से भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है। यदि आप स्नान करने नहीं जा सकते हैं। तो आप घर में ही थोड़ा गंगाजल डाल के नहाए, मानता है कि इस दिन विधिवत स्थान करने से पितरों की आत्मा को भी शांति मिलती है।
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जैसे कि सभी जानते हैं कि भगवान सूर्य की पूजा को शास्त्रों के अंदर कल्याणकारी माना गया है। मानता है कि सूर्य पूजा से शरीर और मां के अंदर नकारात्मक ऊर्जा का अंत होते हुए सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, इसलिए हर जातक को सुबह उठकर भगवान सूर्य को अर्घ्य जरूर अप्रित करना चाहिए। इससे जीवन में धर्म और यश का संचार होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सोमवती अमावस के दिन सूर्य को जल देने से पूर्व जन्म और इस जन्म के सभी पापों से मुक्ति और भगवान सूर्य नारायण की कृपा प्राप्त होती है। Somvati Amavasya 2024
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पीपल के पेड़ में सभी देवों का वास होता है। सोमवती अमावस के दिन से जो व्यक्ति प्रतिदिन पीपल की परिक्रमा करते है। उन्हें सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। अमावस के दिन पीपल के वृक्ष में पितरों का वास होता है। इस दिन पीपल और भगवान विष्णु का पूजन सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करता है।
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सोमवती अमावस के दिन अन्न, दूध, फल, चावल, तेल और आवाले का दान करना पूर्ण की प्राप्ति के लिए जरूरी होता है। गरीबों, साधु-महात्माओं तथा ब्राह्मणों को भोजन करना भी सही माना जाता है। इसके साथ ही उन्हें जरूरत के वस्त्र दान करनी चाहिए। स्नान दान आदि के अलावा इस दिन पितरों का आवाहन करने से परिवार पर पितरों की कृपा बनी रहती है।
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