India News (इंडिया न्यूज़), Geeta Updesh on Ganga: यदि हमारे जीवन में कोई विपत्ति आती है तो हम उसे सहन नहीं कर पाते। श्री कृष्ण ने भगवद गीता में कहा है कि सुख और दुख क्षणभंगुर हैं और हमें उन्हें बिना किसी हिचकिचाहट के सहन करना सीखना चाहिए और यह तभी संभव होगा जब हम भगवद गीता का निरंतर अध्ययन करेंगे। बता दें कि श्रीमद्भगवद गीता में महाभारत युद्ध के दौरान भगवान कृष्ण द्वारा अर्जुन को दी गई शिक्षाओं का वर्णन है। गीता सबसे प्रभावशाली ग्रंथ है। इस वाणी के अनमोल शब्द व्यक्ति को जीवन जीने का सही मार्ग दिखाते हैं। श्रीमद्भगवद गीता जीवन में धर्म, कर्म और प्रेम की शिक्षा देती है। गीता में श्री कृष्ण ने बताया है कि जीवन में समस्याएं क्यों आती हैं और उनका समाधान क्या है। श्री कृष्ण ने गीता में कहा है कि कुछ पाप गंगा में स्नान करने से भी नहीं धुलते।
परित्राणाय साधूनाम् विनाशाय च दुष्कृताम्।
धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे-युगे॥
भावार्थ: मैंने (श्रीकृष्ण ने) हर युग में सज्जनों के कल्याण के लिए और दुष्टों के विनाश के लिए और धर्म की स्थापना के लिए मैं हर युग में जन्म लेता हूं।
सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज।
अहं त्वां सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुच:॥
भावार्थ: (हे अर्जुन) सभी धर्मों को त्यागकर अर्थात् सभी शरणों को त्यागकर केवल मेरी शरण में आने से मैं (श्रीकृष्ण) तुझे सभी पापों से मुक्त कर दूंगा, इसलिए तू शोक मत कर।
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