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गंगा में भी नहीं धूलते ऐसे पाप, भगवान कृष्ण ने खुद गीता में दिया ये समाधान, जानें

BY: Nishika Shrivastava • LAST UPDATED : September 28, 2024, 8:17 pm IST
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गंगा में भी नहीं धूलते ऐसे पाप, भगवान कृष्ण ने खुद गीता में दिया ये समाधान, जानें

Geeta Updesh on Ganga

India News (इंडिया न्यूज़), Geeta Updesh on Ganga: यदि हमारे जीवन में कोई विपत्ति आती है तो हम उसे सहन नहीं कर पाते। श्री कृष्ण ने भगवद गीता में कहा है कि सुख और दुख क्षणभंगुर हैं और हमें उन्हें बिना किसी हिचकिचाहट के सहन करना सीखना चाहिए और यह तभी संभव होगा जब हम भगवद गीता का निरंतर अध्ययन करेंगे। बता दें कि श्रीमद्भगवद गीता में महाभारत युद्ध के दौरान भगवान कृष्ण द्वारा अर्जुन को दी गई शिक्षाओं का वर्णन है। गीता सबसे प्रभावशाली ग्रंथ है। इस वाणी के अनमोल शब्द व्यक्ति को जीवन जीने का सही मार्ग दिखाते हैं। श्रीमद्भगवद गीता जीवन में धर्म, कर्म और प्रेम की शिक्षा देती है। गीता में श्री कृष्ण ने बताया है कि जीवन में समस्याएं क्यों आती हैं और उनका समाधान क्या है। श्री कृष्ण ने गीता में कहा है कि कुछ पाप गंगा में स्नान करने से भी नहीं धुलते।

परित्राणाय साधूनाम् विनाशाय च दुष्कृताम्।

धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे-युगे॥

भावार्थ: मैंने (श्रीकृष्ण ने) हर युग में सज्जनों के कल्याण के लिए और दुष्टों के विनाश के लिए और धर्म की स्थापना के लिए मैं हर युग में जन्म लेता हूं।

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सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज।

अहं त्वां सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुच:॥

भावार्थ: (हे अर्जुन) सभी धर्मों को त्यागकर अर्थात् सभी शरणों को त्यागकर केवल मेरी शरण में आने से मैं (श्रीकृष्ण) तुझे सभी पापों से मुक्त कर दूंगा, इसलिए तू शोक मत कर।

गीता उपदेश

  • गीता में श्री कृष्ण कहते हैं कि गंगा में केवल आकस्मिक पाप ही धुलते हैं, योजनाबद्ध तरीके से किए गए पापों को भगवान कभी माफ नहीं करते।
  • श्री कृष्ण कहते हैं कि अकेले चलने से डरना नहीं चाहिए। मनुष्य ही कब्र, शिखर और सिंहासन तक पहुंचता है।
  • गीता में लिखा है कि गलत काम करते समय व्यक्ति दाएं, बाएं, आगे, पीछे, इधर-उधर देखता है और ऊपर देखना भूल जाता है। आप भगवान से सब कुछ छिपा सकते हैं लेकिन कुछ भी नहीं।
  • गीता के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को सिर्फ दिखावे के लिए अच्छा नहीं होना चाहिए। भगवान आपको बाहर से ही नहीं बल्कि अंदर से भी जानते हैं और उनके सामने दिखावा करना बेकार है।

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  • गीत में लिखा है कि केवल कायर और कमजोर लोग ही चीजों को भाग्य पर छोड़ देते हैं। जो लोग दृढ़ इच्छाशक्ति वाले और आत्मनिर्भर होते हैं वो कभी भी भाग्य पर भरोसा नहीं करते। ऐसे लोग अपनी मेहनत से सब कुछ हासिल करते हैं।
  • गीता में लिखा है कि आप जो भी करें, उसे भगवान को समर्पित करते रहें। ऐसा करने से आप जीवन में हमेशा मुक्त होने का आनंद अनुभव करेंगे।

 

 

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

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