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India news (इंडिया न्यूज़)sunday fast पुराणों में सूर्य उपासना की बात कही गयी है। भविष्य पुराण में बताया गया है कि रविवार का दिन भगवान भाष्कर की उपासना का दिन है ।अगर आप अपने जीवन किसी प्रकार के चर्म रोग से परेशान है तो आपको सूर्य की उपासना करना लाभदायक हो सकता है। मन्यता है कि जिसका सूर्य ग्रह मजबूत होने है इसको समाजीक मान प्रतिष्ठा मिलती है। शास्त्रों में भी बताया गया है कि अगर आपको किसी प्रकार का चर्म रोग (स्किन रोग) हो तो रविवार के दिन सबसे पहले स्नान करके भगवान सूर्य को जल जरुर देना चाहिए। उस जल में लाल पुष्प डालकर और लाल चंदन डालकर सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए। इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
नमामि देवदेवशं भूतभावनमव्ययम्। दिवाकरं रविं भानुं मार्तण्डं भास्करं भगम्।।
इन्द्रं विष्णुं हरिं हंसमर्कं लोकगुरुं विभुम्। त्रिनेत्रं त्र्यक्षरं त्र्यङ्गं त्रिमूर्तिं त्रिगतिं शुभम्।।
जाने रविवार व्रत कि विधी
अगर आप रविवार के दिन भगवान भाष्कर की आराधना के साथ व्रत करना चाहते है। तो इसके लिए कई सारे विधि बताई गई है।सबसे पहले स्नान करने के बाद हमे लाल वस्त्र धारण करना चाहिए। इसके बाद भगवान भाष्कर को जल के साथ लाल अक्षत और लाल फुल अर्पित करना चाहिए। बताया जाता है कि सुर्य ग्रह को लाल रंग सबसे प्रसंद है। इसके बाद आपको भगवान भाष्कर का ध्यान रखना चाहिए।
लाल वस्त्र दान करे
रविवार के व्रत के दिन लाल बस्त्र दान करने का विधान भी बताया गया है। मन्यता है कि इस दिन किसी भी जरुरतमंद को लाल वस्त्र जरुर दे।
नमक का सेवन वर्जित है
रविवार के व्रत में नमक का सेवन वर्जित बताया गया है। कई लोग तो इसदिन व्रत नहीं करते है फिर भी नमक का सेवन नहीं करते है। लोगों में मन्यता है कि इसदिन नमक नहीं खाने से आपको किसी भी तरह का चर्म रोग नहीं होता है। कुछ लोग ऐसे भी है जो नमक के साथ-साथ शक्कर का सेवन भी नहीं करते हैं।
षष्ठी तिथि का रविवार है श्रेष्ठ
अगर षष्ठी तिथि को रविवार पड़ रहा है तो यह सबसे कल्याणकारी मानी जाती है। इस दिन को सूर्य की उपासना करने से आपको कभी किसी तरह की असाध्य रोग से मुक्ति मिलती है। महाभारत में इस तरह के रविवार का वर्णन मिलता है।
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