Kartik Purnima 2022 Snan: हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को कार्तिक पूर्णिमा कहा जाता है। धार्मिक कथाओं के अनुसार बता दें कि इस दिन भगवान शिव ने असुर त्रिपुरासुर का वध किया था, इसलिए इसे त्रिपुरी या त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। वहीं इस दिन देव दीपावली का पर्व भी मनाया जाता है। एक कथा के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान श्री हरि विष्णु ने मत्स्य अवतार धारण किया था। यही वजह है कि हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का अधिक महत्व होता है। इस कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान, दान, पूजा और व्रत का भी खास महत्व होता है।
मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन किए गए स्नान से भगवान विष्णु की कृपा से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर किए गए स्नान से सौ अश्वमेध यज्ञ के बराबर फल मिलता है। यहां दिल्ली के आचार्य गुरमीत सिंह से जानते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान के मुहूर्त और महत्व के बारे में पूरी जानकारी।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन सूर्योदय से पूर्व और ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने का महत्व है। 08 नवंबर को ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:57 से सुबह 05:49 तक होगी।
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