India News (इंडिया न्यूज), Vishvakarma Jayanti 2023 : आज विश्वकर्मा पूजा है। हमारे देश में विश्वकर्मा भगवान को पहला इंजीनियर माना जाता है। इस खास दिन पर हर घर में लोग अपने मशीनों, औजारों और गाड़ियों की पूजा करते हैं। हर साल यह पर्व पूजा कन्या संक्रांति के दिन मनाई जाती है। इस साल यह आज यानि 17 सितंबर 2023 को विश्वकर्मा पूजा मनाई जा रही है। हिंदू पंचांग की मानें तो पूरे 50 साल बाद इस दिन दुर्लभ संयोग बन रहा। जानते हैं आज के दिन का महत्व क्या है।
आज के दिन रविवार को कन्या संक्रांति है। जान लें कि कन्या संक्रांति का समय दोपहर 01:43 बजे से है। ये वो क्षण है जब सूर्य देव कन्या राशि में प्रवेश करने वाले हैं। इस कारण ही आज विश्वकर्मा पूजा होगी। भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि आज है।
विश्वकर्मा पूजा का क्या है महत्व
धार्मिक ग्रंथों को अगर आप पढ़ेंगे तो उसमें उल्लेख मिलेगा कि भगवान विश्वकर्मा ब्रह्म देव के पुत्र हैं। इन्हें सभी देवताओं का शिल्पी भी माना जाता है। मान्यता ये है कि इस सृष्टि की रचना में भगवान विश्वकर्मा ने ब्रह्म देव की मदद की थी। धार्मिक ग्रंथों में इसकी बात का उल्लेख है कि विश्वकर्मा जी ने ही सोने की लंका, द्वारका नगरी, पुष्पक विमान, देवी-देवताओं के अस्त्र-शस्त्र तैयार किए थे। अगर कोई व्यक्ति व्यापार में तरक्की पाना चाहता है तो भगवान विश्वकर्मा की पूजा करना बेहद फलदायी होता है। वो लोग जो मशीन और निर्माण से जुड़े हुए हैं। इस कारण ही आझ देशभर में लोग भगवान विश्वकर्मा की पूजा करते हैं।
विश्वकर्मा पूजा पर शुभ योग
ज्योतिष शास्त्र की मानें तो लगभग 50 साल बाद विश्वकर्मा पूजा पर कई दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। जिसके तहत;
- सर्वार्थ सिद्धि योग : 17 सितंबर 2023 को सुबह 06:07 से सुबह 10:02 बजे तक।
- द्विपुष्कर योग: 17 सितंबर 2023 को सुबह 10:02 से सुबह 11.08 बजे तक।
- ब्रह्म योग :17 सितंबर 2023 को प्रात:काल 04:13 से 18 सितंबर 2023, प्रात:काल 04:28 बजे तक।
- अमृत सिद्धि योग: 17 सितंबर 2023 को सुबह 06:07 से सुबह 10:02 बजे तक।
ऐसी मान्यता है कि इस शुभ योग पर हर मनोकामना पूरी होती है।
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