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मूर्ति को आता है पसीना…हमेशा जलता रहता है दीया, Tirupati Balaji के इन 5 रहस्यों को जान दुनिया भर के लोगों के उड़े होश

Pankaj Namdev • LAST UPDATED : September 21, 2024, 5:10 pm IST

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Tirupati Balaji Temple Secrets: तिरुपति बालाजी

India News (इंडिया न्यूज), Tirupati Balaji Temple Secrets: इन दिनों तिरुपति बालाजी मंदिर सुर्खियों में और इसकी वजह है यहां प्रसाद मिलने वाला लड्डू है जिसको लेकर कहा जा रहा है कि यहां कि लड्डू प्रसाद में पशु चर्बी और मछली के तेल के अंश मिले हैं। खैर ये वक्त आने पर पता चल ही जाएगा। आंध्र प्रदेश के तिरुमला तिरुपति देवस्थानम बालाजी मंदिर के प्रति लोगों की अपार आस्था और भक्ति हमेशा रहती है। हर साल लाखों-करोड़ों भक्त भारत के हर कौने से भगवान बालाजी के दर्शन के लिए आंध्र प्रदेश की इस जगह पर जाते है। भाक्तों द्वारा दिए गए दान की वजह से ही इस देवस्थानम की गिनती दुनिया के सबसे अमीर मंदिरों में होती है।

तिरुपति बालाजी मंदिर को लेकर कई रहस्य भी है जिन्हें जानकार हर कोई हैरान रह जाता है। तो चलिए आज हम इस चमत्कारी मंदिर के कुछ रहस्यों के बारे में बताएंगे जिन्हें जानकर आप मंत्रमुग्ध हो जाएंगे।

तिरुपति बालाजी के इन पांच चमत्कारी रहस्यों को जानकर हैरान रह जाएंगे आप

1. बाल दान किए जाते हैं- आपको बता दें कि भगवान तिरुपति बालाजी का वास्तविक नाम श्री वेंकटेश्वर स्वामी है जो स्वयं भगवान विष्णु हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्री वेंकटेश्वर अपनी पत्नी पद्मावती के साथ तिरुमला में निवास करते हैं। मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन करता है,उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। भक्त अपनी श्रद्धा के मुताबिक, यहां आकर तिरुपति मंदिर में अपने बाल दान करते हैं।

2.भगवान श्री वेंकेटेश्वर स्वामी को स्त्री और पुरुष दोनों के वस्त्र पहनाने की परम्परा- मंदिर कहा जाता है कि भगवान वेंकटेश्वर स्वामी की मूर्ति पर जो बाल लगे हैं जो असली हैं। यह बाल कभी भी उलझते नहीं हैं और हमेशा मुलायम रहते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार यहां भगवान विष्णु खुद विराजमान हैं। जब आप मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश करेंगे तो ऐसा लगेगा कि भगवान श्री वेंकेटेश्वर की मूर्ति गर्भ गृह के बीच में है। लेकिन आप जैसे ही गर्भगृह के बाहर आएंगे तो चौंक जाएंगे, क्योंकि बाहर आकर ऐसा प्रतीत होता है कि भगवान की प्रतिमा दाहिनी तरफ स्थित है।

अब यह सिर्फ भ्रम है या कोई भगवान का चमत्कार इसका पता आज तक कोई नहीं लगा पाया है। मान्यता है कि प्रभू के इस रूप में माता लक्ष्मी भी समाहित हैं जिसकी वजह से श्री वेंकेटेश्वर स्वामी को स्त्री और पुरुष दोनों के वस्त्र पहनाने की परम्परा है।

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3.भगवान को आता है पसीना- तिरुपति बाला मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर की प्रतिमा अलौकिक है। यह खास प्रकार के पत्थर से बनी है। यह प्रतिमा इतनी जीवंत है कि ऐसा प्रतीत होता है जैसे भगवान विष्णु स्वयं यहां विराजमान हैं। इतना ही नहीं मान्यताओं के मुताबिक भगवान की मूर्ति को पसीना भी आता है, मूर्ति पर पसीने की बूंदें देखी जा सकती हैं। इसलिए मंदिर में तापमान कम रखा जाता है। श्री वेंकेटेश्वर स्वामी के मंदिर से 23 किलोमीटर की दूरी पर एक गांव है जहां गांव वालों के अलावा कोई बाहरी व्यक्ति प्रवेश नहीं कर सकता। इस गांव लोग बहुत ही अनुशासित हैं और नियमों का पालन कर जीवन यापन करते हैं। मंदिर में चढ़ाया जाने वाला पदार्थ जैसे की फूल, फल, दही, घी, दूध, मक्खन आदि इसी गांव से आता हैं।

4. श्री वेंकेटेश्वर स्वामी मंदिर में एक दीया हमेशा जलता रहता है- मंदिर में बृहस्तपति के दिन भगवान वेंकेटेश्वर को चंदन का लेप लगाया जाता है जिसके बाद अद्भुत रहस्य सामने आता है। भगवान का श्रृंगार हटाकर स्नान कराकर चंदन का लेप लगाया जाता है और जब इस लेप को हटाया जाता है तो भगवान वेंकेटेश्वर के हृदय में मां लक्ष्मी जी की आकृति दिखाई देती है। श्री वेंकेटेश्वर स्वामी मंदिर में एक दीया हमेशा जलता रहता है और सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि इस दीपक में कभी भी तेल या घी नहीं डाला जाता। यहां तक कि यह भी पता नहीं है कि दीपक को सबसे पहले किसने और कब जलाया था।

5.भगवान का घाव भरने के लिए लगाया जाता है चंदन का लेप- भगवान वेंकेटेश्वर की मूर्ति पर पचाई कपूर लगाया जाता है। कहा जाता है कि यह कपूर किसी भी पत्थर पर लगाया जाता है तो पत्थर में कुछ समय में दरारें पड़ जाती हैं। लेकिन भगवान बालाजी की प्रतिमा पर पचाई कपूर का कोई असर नहीं पड़ता है।  मंदिर में मुख्य द्वार के दरवाजे पर दाईं तरफ एक छड़ी है। इस छड़ी के बारे में मान्यता है कि बाल्यावस्था में इस छड़ी से ही भगवान वेंकेटेश्वर की पिटाई की गई थी जिसकी वजह से उनकी ठुड्डी पर चोट लग गई थी। तब से आज तक उनकी ठुड्डी पर शुक्रवार को चंदन का लेप लगाया जाता है। ताकि उनका घाव भर जाए। भगवान वेंकेटेश्वर की मूर्ति पर कान लगाकर सुनें तो समुद्र की लहरों की ध्वनि सुनाई देती है। यह भी कहा जाता है कि भगवान की प्रतिमा हमेशा नम रहती है।

चंद्रबाबू नायडू के बयान से मचा हड़कंप

बता दें कि हाल ही सीएम चंद्रबाबू नायडू ने तिरुपति मंदिर में मिलने वाले प्रसाद को लेकर आरोप लगाया था कि प्रसाद में घी की जगह जानवरों की चर्बी और घटिया क्वालिटी का सामान इस्तेमाल होता है। चंद्रबाबू नायडू के इन आरोपों के बाद गुजरात की लैब रिपोर्ट में भी इस बात की जानकारी दी गई कि लड्डू प्रसाद में पशु चर्बी और मछली के तेल के अंश मिले हैं। अभी इस बात को लेकर पूरी तरह खुलासा नही हो पाया लेकिन इन आरोपों की लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है।

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