Hanuman Chalisa Is Linked To Mughals: तुलसीदास दास द्वारा लिखी गई “श्री हनुमान चालीसा” आज पूरी दुनिया में मशहूर है. टी-सीरीज की तरफ से रिलीज किए ‘श्री हनुमान चालीसा’ के वीडियो ने यूट्यूब पर 5 अरब से ज्यादा व्यूज मिले हैं. इस भक्ति वीडियो को हरिहरन ने गाया था और इसका म्यूजिक ललित सेन ने कंपोज किया था. लेकिन क्या आप जानते हैं कि “हनुमान चालीसा” की रचना कैसे हुई, इसका एक रहस्य मुगलों से जुड़ी है. चलिए जानते हैं यहां
मुगलों से जुड़ा है श्री हनुमान चालीसा का रहस्य
सभी जानते हैं कि सबसे बड़े राम भक्त तुलसीदास ने ही ‘श्री हनुमान चालीसा’ जी ने की थी, क्योंकि लेकिन उन्होंने हनुमान चालीसा’ लिखने का कैसे सोचा? इसके पीछे एक बेहद रोचक कथा बताई जाती है, जो मुगलों के जुड़ी है. मान्यताओं को अनुसार तुलसीदास को श्री राम और भगवान हनुमान का साक्षात दर्शन भी हुए हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार मुगल सम्राट अकबर ने तुलसीदास को दरबार में आने का हुक्म दिया. अकबर ने तुलसीदास से कहा, ‘मुझे श्रीराम से मिलवाओ.’ इस पर तुलसीदास जी ने जवाब देते हुए कहा- भगवान श्रीराम सिर्फ भक्तों से मिलते हैं. इतना सुनते ही अकबर उनसे बेहद नाराज हो गया और तुलसीदास को फतेहपुर सीकरी की जेल में बंद करवा दिया और यहां पर ही उन्होंने भगवान हनुमान चालीसा लिखी और इस दौरान फतेहपुर सीकरी जेल के आसपास बहुत से बंदर आ गए और हर जगह तबाही मचाने लगे और खूब नुकसान किया. जैसे ही इस बात की जानकारी अकबर को हुई, तो उन्होंने तुलसीदास को जेल से निकल दिया.
कई भाषाओं में किया गया था ‘श्री हनुमान चालीसा’ का अनुवाद
कई मान्यताओं के अनुसार, जब तुलसीदास ने ‘श्री हनुमान चालीसा’ का पढ़ा था, तो भगवान हनुमान ने खुद इसे सुना था. तुलसीदास ने अवधी भाषा में ‘श्री हनुमान चालीसा’ को लिखा था, लेकिन बाद श्री हनुमान चालीसा का कई भाषाओं में अनुवाद किया गया है. कुछ विद्वानों को कहना है कि ‘श्री हनुमान चालीसा’ को किसी और तुलसीदास की कृति है.
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