India News (इंडिया न्यूज), Chhath Puja 2024: छठ पर्व को सूर्योपासना का प्रमुख पर्व माना जाता है, जिसमें सूर्य देवता और छठी मईया की उपासना की जाती है। यह पर्व न केवल सूर्य देवता से सेहत, सुख-समृद्धि और आयु वृद्धि का आशीर्वाद मांगने के लिए है, बल्कि इसका प्रत्येक रिवाज और विधि गहरी आस्था और मान्यता से जुड़ी हुई है। यदि आप चाहते हैं कि आपके बच्चे की आयु लंबी हो, उसे सेहत और खुशहाली मिले, तो इस पवित्र पर्व में एक विशेष उपाय को करने से लाभ प्राप्त हो सकता है।
इस उपाय में “अरहर के पत्ते” का प्रयोग किया जाता है। माना जाता है कि छठ के दौरान अरहर के पत्तों से किए गए इस उपाय से बच्चों की लंबी आयु, स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। इस लेख में हम विस्तार से बताएंगे कि इस पत्ते से किस प्रकार यह उपाय किया जाता है और इसका महत्व क्या है।
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उपाय की विधि
- सामग्री: इस उपाय के लिए आपको केवल कुछ अरहर के पत्ते चाहिए। अरहर का पौधा प्राचीन मान्यताओं के अनुसार विशेष प्रकार की सकारात्मक ऊर्जा का वाहक होता है।
- पहला दिन: छठ के पहले दिन यानि ‘नहाय-खाय’ के दिन सूर्योदय के समय अरहर के पत्ते को अपने बच्चे के सिर के ऊपर से सात बार घुमाएं। ऐसा करते समय छठी मईया और सूर्य देवता का ध्यान करें और अपने बच्चे की आयु वृद्धि और स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करें।
- दूसरा से चौथा दिन: अगले तीन दिन, यानि ‘खरना’, ‘संध्या अर्घ्य’ और ‘प्रातःकालीन अर्घ्य’ के दौरान भी इस प्रक्रिया को दोहराएं। हर दिन बच्चे के सिर के ऊपर से अरहर के पत्तों को घुमाएं और सूर्य देवता से बच्चे की खुशहाली और लंबी आयु का आशीर्वाद मांगें।
- अंतिम दिन: अंतिम अर्घ्य के बाद इन पत्तों को किसी पवित्र जल में प्रवाहित कर दें और आभार व्यक्त करें।
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इस उपाय के पीछे का महत्व
अरहर के पत्तों का इस तरह उपयोग करना सिर्फ एक धार्मिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि इसका एक वैज्ञानिक पक्ष भी है। अरहर के पत्तों में कई औषधीय गुण होते हैं जो प्राकृतिक स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं। यह माना गया है कि इन पत्तों से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है जो बच्चों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालती है।
छठी मईया और सूर्य देव की उपासना में अरहर के पत्तों का उपयोग उनके विशेष गुणों को जाग्रत करने और जीवन को ऊर्जा और संतुलन प्रदान करने का एक माध्यम माना गया है। सूर्य देवता जीवन के प्रमुख स्रोत माने जाते हैं, और उनकी कृपा से परिवार में सकारात्मकता और उन्नति बनी रहती है।
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इस उपाय के लाभ
- लंबी आयु और स्वास्थ्य: इस उपाय को करने से बच्चे की आयु वृद्धि और सेहत अच्छी रहती है।
- सकारात्मक ऊर्जा: अरहर के पत्ते सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं जो बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर लाभकारी प्रभाव डालते हैं।
- सुख-समृद्धि: इस उपाय के द्वारा बच्चे के जीवन में सुख और समृद्धि बनी रहती है, जिससे वे खुशहाल और संतुलित जीवन व्यतीत करते हैं।
निष्कर्ष
छठ पर्व के दौरान अरहर के पत्तों से यह उपाय करने से बच्चे की लंबी आयु, स्वास्थ्य और खुशहाली में वृद्धि हो सकती है। यह सरल उपाय आस्था और श्रद्धा से जुड़े इस पर्व के महत्व को और भी गहराई से दर्शाता है। आप इस विधि को अपनाकर छठी मईया और सूर्य देवता से अपने बच्चे के लिए आशीर्वाद मांग सकते हैं ताकि उनका जीवन सुख-समृद्धि और खुशहाली से भरपूर रहे।
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इस प्रकार यह उपाय आपकी आस्था और विश्वास को मजबूत बनाता है और आपके बच्चे के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
Disclaimer: इंडिया न्यूज़ इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।