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India News (इंडिया न्यूज़), Vaishakh Maas 2024: 24 अप्रैल, बुधवार से वैशाख मास शुरू हो रहा है। वैशाख कृष्ण पक्ष की प्रथम तिथि बुधवार है। धार्मिक दृष्टि से वैशाख माह का महत्व शास्त्रों में बहुत खास बताया गया है। स्कंदपुराण में वैशाख मास को सभी मासों में सर्वोत्तम बताया गया है। वैशाख माह के संबंध में मान्यता है कि जो व्यक्ति सूर्योदय से पहले स्नान करता है और व्रत रखता है, वह भगवान विष्णु की कृपा का पात्र बन जाता है।
स्कंदपुराण में बताया गया है कि इसी माह में महिरथ नाम के राजा ने वैशाख में स्नान करके वैकुंठ धाम को प्राप्त किया था। इसमें व्रती को प्रतिदिन सुबह सूर्योदय से पहले किसी तीर्थ स्थान, तालाब, नदी या कुएं पर जाकर स्नान करना चाहिए। यदि यह संभव न हो तो घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें, पुण्य की प्राप्ति होगी। आइए आपको बताते हैं कि इस महीने में किन नियमों का पालन करना चाहिए। जानिए क्या करें और क्या न करें।
यदि आप वैशाख माह में व्रत नहीं कर सकते तो आपको व्रत महात्म्य की कथा सुननी चाहिए। ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप प्रतिदिन कम से कम 11 बार करना चाहिए। व्रत करने वाले व्यक्ति को केवल एक समय ही भोजन करना चाहिए। कम से कम वैशाख माह में जरूरतमंद लोगों को स्वच्छ जल उपलब्ध कराने की व्यवस्था करें। इस माह में प्याऊ की स्थापना करनी चाहिए। पंखा, खरबूजा और अन्य फल, अनाज आदि का दान करना चाहिए।
स्कंदपुराण के अनुसार इस माह में तेल लगाना, दिन में सोना, कांसे के बर्तन में भोजन करना और दिन में दो बार भोजन करना वर्जित माना गया है। यदि संभव हो तो आपको इन दिनों में एक समय का भोजन भी छोड़ देना चाहिए और फर्श पर सोना चाहिए। वैशाख माह के देवता भगवान मधुसूदन यानि भगवान कृष्ण माने जाते हैं। इसलिए इस महीने में लहसुन-प्याज से परहेज करना चाहिए और तला-भुना खाना नहीं खाना चाहिए। आप चाहें तो इस महीने में बेल का सेवन कर सकते हैं।
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