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India News (इंडिया न्यूज़), धर्म डेस्क, Vastu Tips: पितृपक्ष में हम अक्सर पशुओं और पक्षियों की पूजा करते है। पितृपक्ष में पूजा के लिए हम गाय, पक्षी, कुत्ते जैसे जानवरों की तलाश किया करते है और समझते है कि उनके माध्यम से हमारे पित्तृ हमसे प्रसन्न हो जाएँगे।वहीं साधारण समय में कई लोग अक्सर पशु और पक्षियों की अहमियत को भूल जाते है। कई ऐसे लिए होते है जो जानवरों पर हिंसा करते है या शिकार शिकार किया करते हैं। पशुओं पर हिंसा करने के विषय पर वास्तुदोष जानकारों का मानना है कि ऐसा करना भविष्य में क़िस्मत के लिए बहुत ख़राब होता है।हम आपको बताएँगे कि अगर पशु- पक्षियों के साथ कोई हिंसक कार्य करता है तो इससे भाग्य में क्या फ़र्क़ पड़ता है।
सनातन परंपरा के अनुसार सृष्टी की सभी चीजों का संबंध ईश्वर से होते हुए एक-दूसरे से जुड़ा है।चाहे वो ज़मीन में स्थित घास का एक तिनका हो या फिर सूर्य जैसा विशाल गोला, सभी का संबंध जुड़ा है। हमारे आस-पास की वस्तुएँ, लोग और प्राकृतिक हमारे जीवन में गहरा असर डालती है। वहीं, अगर ये सभी चीजें बिगड़ जाए या इसके साथ सहीं से ताल-मेल ना बैठाया जाए तो भाग्य का चक्र भी बिगड़ जाता है। इसीलिए समाज और जीवन से जुड़ी हर चीजों के साथ संबंध अच्छा रखना चाहिए, चाहें वो प्रकृति हो या पशु-पक्षी ।
आचार्य शैलेंद्र पांडे के अनुसार अगर पशु-पक्षी के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता तो, मनुष्य जीवन में अकारण ही समस्याएँ पैदा होने लगती हैं। ऐसा व्यक्ति बहुत ज़्यादा बीमार रहता है और उसका ज़्यादातर पैसा दवाइयों में खर्च होने लगता है।साथ ही ऐसा व्यक्ति कभी-कभी क़र्ज़ों का भी शिकार हो जाता है। इसके अलावा पशु-पक्षी का साथ ग़लत व्यवहार करने वाला मनुष्य जल्द ही मानसिक समस्या से ग्रसित होने लगता है।
आचार्य शैलेंद्र पांडे के अनुसार अगर आप जानवरों और पक्षियों की सहायता करते हैं या उन्हें खाना खिलाते हैं, तो शनि से जुड़ी समस्याएँ कम हो जाती हैं और जीवन का संघर्ष घट जाता है। इसके अलावा वो लोग आकस्मिक दुर्घटनाओं से भी उनकी रक्षा होती है। वहीं, पशुओं को चाहा या रोटी खिलाने से जीवन में कभी अन्न और जल का अभाव नहीं आता है।
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