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Vastu Tips: घर के मंदिर में मूर्तियों की कितनी ऊंचाई होनी चाहिए? जानें पूजा घर के जरूरी नियम

Vastu Tips: वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूजा का कमरा सिर्फ आस्था की जगह ही नहीं बल्कि पॉजिटिव एनर्जी का कारण भी होता है. इसलिए, मूर्तियों की ऊंचाई, दिशा और जगह से जुड़े नियमों का पालन करना बहुत जरूरी माना जाता है. आइए समझतें हैं विस्तार से .

Written By: Shivashakti narayan singh
Last Updated: November 18, 2025 16:29:21 IST

Vastu Tips: हिंदू धर्म में वास्तु शास्त्र को बहुत जरूरी माना जाता है, और इसमें घर, ऑफिस, किचन और दूसरी जगहों से जुड़े नियम बताए गए हैं. वास्तु शास्त्र में पूजा के कमरे या घर के मंदिर से जुड़े नियम भी बताए गए हैं. पूजा के कमरे में भगवान की मूर्तियां या तस्वीरें रखना आम बात है. हालांकि, वास्तु शास्त्र और दूसरे धर्मग्रंथ मूर्तियों को सही तरीके से लगाने और उनकी ऊंचाई के बारे में भी बताते हैं. कहा जाता है कि इन नियमों का पालन करने से घर में पॉजिटिव एनर्जी आती है. आइए वास्तु शास्त्र के अनुसार मूर्तियों की सही ऊंचाई के बारे में जानें.

वास्तु शास्त्र में मूर्तियों की ऊंचाई

छोटी मूर्तियां

अगर घर का मंदिर छोटा है, तो 3 से 6 इंच की मूर्तियां रखना शुभ माना जाता है. ऐसी छोटी मूर्तियां कम जगह में भी पॉजिटिव एनर्जी और आध्यात्मिक माहौल बनाए रखती हैं.

मीडियम साइज की मूर्तियां

अगर घर का मंदिर बड़ा है, तो 12 से 18 इंच ऊँची मूर्तियाँ रखना सबसे अच्छा माना जाता है. ऐसी मूर्तियाँ पूजा की जगह को आध्यात्मिक बनाती हैं, जिससे श्रद्धा और भक्ति की भावना गहरी होती है.

बड़ी मूर्तियां

घर के मंदिर या पूजा की जगह में 24 इंच से ऊंची मूर्तियां रखना अशुभ माना जाता है. अगर आप बड़ी मूर्तियां रखना चाहते हैं, तो उन्हें किसी बड़े मंदिर या पूजा की सार्वजनिक जगह पर रखना बहुत शुभ माना जाता है.

शिवलिंग का साइज

बहुत से लोग अपने घर के मंदिर में शिवलिंग रखना पसंद करते हैं. इसलिए, यह पक्का करना ज़रूरी है कि घर में रखा शिवलिंग अंगूठे के साइज़ से बड़ा न हो. मान्यताओं के अनुसार, बड़ा शिवलिंग घर के लिए सही नहीं होता, क्योंकि उसमें बहुत एनर्जी होती है. इसलिए, घर के मंदिर में छोटा शिवलिंग ही रखने का रिवाज है.

मूर्ति स्थापना के नियम

  • वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूजा के कमरे में भगवान की मूर्ति उत्तर-पूर्व दिशा में रखनी चाहिए. उत्तर-पूर्व दिशा को उत्तर-पूर्व कोना भी कहा जाता है और इसे देवी-देवताओं की दिशा माना जाता है.
  • इसके अलावा, घर के पूजा के कमरे में कभी भी टूटी या खराब मूर्तियां नहीं रखनी चाहिए, और अगर कोई खराब हो जाए, तो उसे तुरंत हटा देना चाहिए.
  • कोशिश करें कि पूजा के कमरे में भगवान की सभी मूर्तियां बैठी हुई मुद्रा में ही रखें. साथ ही, मूर्तियों को दीवारों से दूर रखें.

पूजा के कमरे से जुड़े खास नियम

वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूजा की जगह हमेशा साफ होनी चाहिए और मूर्ति स्थापना के दौरान या बाद में कभी भी गंदगी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि इससे भगवान नाराज होंगे. इसके अलावा, पूजा के दौरान दीया या अगरबत्ती जलानी चाहिए. इसके अलावा, मूर्तियों को हर दिन साफ करना चाहिए.

Disclaimer : प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. INDIA News इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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