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India News (इंडिया न्यूज़), Vayu Dev: एक ऐसे देवता जो पृथ्वी का आधार है। जो ना हो तो जीवन जीना मुश्किल हो जाए। हम बात कर रहे हैं पवन देव की बता दे कि त्रेता युग में पवन देव भगवान हनुमान के पिता थे और उसे दौरान उन्होंने श्री राम की काफी सेवा की थी। वही द्वापर युग में वह भीम के पिता के पिता थे और श्री कृष्ण की उन्होंने महान सेवा की थी। कलयुग की बात करें तो वह महान ऋषि वेदव्यास की सेवार्थी माधवाचार्य के रूप में अवतरित हुए थे। यह भी कहा जाता है कि आज के समय में वह बद्रिकाश्रम का आश्रम में श्री वेदव्यास की दिव्य सेवा कर रहे हैं।
पवन देव के बारे में बताएं तो वह भगवान विष्णु काफी मानते हैं। उनकी सेवा करना उनके परम धर्म है। वही वह भगवान विष्णु के लिए उनके विभिन्न नाम का जाप करते रहते हैं। इस देवता को इंद्रदेव द्वारा निर्मित किया गया है। जिसमें वह उनके लिए एक सहायक के तौर पर काम करते हैं और उनके निर्देशों का पालन करते हैं। Vayu Dev
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एक बार की कहानी के बारे में बताएं तो जब हनुमान जी छोटे थे तो वह सूर्य देव को पकड़ने के लिए चले गए क्योंकि उन्हें लगा कि वह एक फल है। इस चेष्टा को देखते हुए भगवान इंद्र ने उन्हे रोकने के लिए शक्तिशाली हथियार को उनकी तरफ मारा। जिस वजह से हनुमान जी मूर्छित होकर धरती पर जाकर गिर पड़े। यह देखते हुए कि उनके पुत्र के साथ कितनी जाएती हुई वायु देव काफी क्रोधित हो गए और उन्होंने अपना क्रोध दिखाना शुरू कर दिया।
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जिस वजह से वायु देव ने पूरे संसार से हवा को रोक दिया पृथ्वी और स्वर्ग लोक में लोग परेशान होने लगे। कुछ समय बाद सभी देवता वायु देव को शांत करने के लिए पहुंचे और बाद में हनुमान जी को पुरानी स्थिति में वापस लाया गया। भगवान वायु खुश होकर और उन्होंने स्वर्ग और पृथ्वी पर वायु परिसंचार शुरू कर दिया। Vayu Dev
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