होम / धर्म / इंसानी आंखों को दिखेगा वो जो आज से पहले नहीं आया सामने…महाकुंभ में पहुंचे कौन हैं ये असीम सिद्धिओं वाले नागा साधु?

इंसानी आंखों को दिखेगा वो जो आज से पहले नहीं आया सामने…महाकुंभ में पहुंचे कौन हैं ये असीम सिद्धिओं वाले नागा साधु?

BY: Prachi Jain • LAST UPDATED : December 27, 2024, 1:45 pm IST
ADVERTISEMENT

संबंधित खबरें

इंसानी आंखों को दिखेगा वो जो आज से पहले नहीं आया सामने…महाकुंभ में पहुंचे कौन हैं ये असीम सिद्धिओं वाले नागा साधु?

Mahant Someshwar Giri: महाकुंभ में पहुंचे कौन हैं ये असीम सिद्धिओं वाले नागा साधु

India News (इंडिया न्यूज), Mahant Someshwar Giri: भारत की संस्कृति और आध्यात्मिकता में तपस्या की गहरी जड़ें हैं। आत्म-नियंत्रण और सांसारिक भोगों से परे रहने की कठिन साधना को यहां ‘तपस्या’ कहा जाता है। भारत की धरती पर ऐसी अनगिनत कहानियां हैं, जहां साधु-संत अपनी कठोर साधनाओं और तपस्याओं के माध्यम से गहन आध्यात्मिक ज्ञान को प्राप्त करते हैं। कुंभ मेले जैसे धार्मिक आयोजन इन साधनाओं और आस्थाओं का अद्भुत संगम हैं। इसी आध्यात्मिक परंपरा में महंत सोमेश्वर गिरी का नाम भी विशेष रूप से उल्लेखनीय है, जिन्होंने पिछले 15 वर्षों से अपने दाहिने हाथ को ऊपर उठाकर रखा है।

तपस्या का विशेष रूप: उर्ध्व बाहु

महंत सोमेश्वर गिरी की साधना को ‘उर्ध्व बाहु’ के नाम से जाना जाता है। यह एक कठिन तपस्या है, जिसमें साधक अपने एक हाथ को लंबे समय तक ऊपर उठाए रखता है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, महंत सोमेश्वर गिरी ने अपनी आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत बचपन में ही कर दी थी।

उनके गुरु ने उन्हें सांसारिक जीवन का त्याग कर एक बाल योगी बनने की प्रेरणा दी। इसके बाद उन्होंने कठोर योगाभ्यास और ध्यान की साधना को अपनाया। महंत सोमेश्वर गिरी ने 20 वर्ष की आयु में उर्ध्व बाहु तपस्या का संकल्प लिया और शपथ ली कि वे अपने हाथ को कभी नीचे नहीं करेंगे। उनके इस कठोर अभ्यास ने उन्हें समाज में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है।

नया साल लगते ही अगर आपको भी मिले ये 5 बड़े संकेत तो हो जाए खुश, जीवन में आने वाली है अपार खुशियां और धनलाभ, बज गई है लकी पीरियड की घंटी

समर्पण और संघर्ष की प्रेरक कहानी

महंत सोमेश्वर गिरी की यात्रा केवल एक आध्यात्मिक यात्रा नहीं है, बल्कि यह उनकी समर्पण और संघर्ष की कहानी भी है। भारत के विभिन्न तीर्थ स्थलों और मंदिरों की यात्रा करते हुए वे श्रद्धालुओं से अपार सम्मान प्राप्त करते हैं। उनकी उर्ध्व बाहु मुद्रा उन्हें एक प्रतीक बना चुकी है। उनकी यह तपस्या न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक चुनौतियों से भरी हुई है।

उर्ध्व बाहु का आध्यात्मिक और मानसिक महत्व

उर्ध्व बाहु तपस्या साधक को मानसिक शांति, ध्यान में गहरी एकाग्रता, और आत्म-ज्ञान की ओर अग्रसर करती है। यह तपस्या शरीर और मन की सीमाओं को पार करने का अभ्यास है, जो साधक को अपनी आत्मा के साथ गहराई से जुड़ने में मदद करती है।

महंत सोमेश्वर गिरी के तप और साधना ने उन्हें समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बना दिया है। उनकी साधना यह सिखाती है कि आत्म-नियंत्रण और समर्पण के माध्यम से व्यक्ति अपने जीवन को उच्च आध्यात्मिक उद्देश्यों के प्रति समर्पित कर सकता है।

इस तरह का खाना खाते है नागा साधु…इंसानी दुनिया से अलग ही नहीं, इतना है अजीब कि देखकर आंखों को नहीं होगा यकीन

समाज पर प्रभाव

महंत सोमेश्वर गिरी जैसे साधु समाज के लिए न केवल आध्यात्मिक प्रेरणा हैं, बल्कि वे हमें यह भी सिखाते हैं कि कैसे कठिन साधनाओं और तपस्याओं के माध्यम से जीवन के उच्चतम उद्देश्यों को प्राप्त किया जा सकता है। उनकी तपस्या और उनका समर्पण आज के व्यस्त जीवन में मानसिक शांति और संतुलन की खोज करने वालों के लिए एक मार्गदर्शक है।

महंत सोमेश्वर गिरी की उर्ध्व बाहु साधना एक अद्वितीय तपस्या है, जो हमें आत्म-अनुशासन, धैर्य और आत्म-ज्ञान का महत्व सिखाती है। उनका जीवन यह प्रमाणित करता है कि गहरी आस्था और समर्पण से हम अपने जीवन को एक नई दिशा में मोड़ सकते हैं। महंत जी की तपस्या न केवल एक आध्यात्मिक प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता की गहराई का प्रतीक भी है।

खुद को दुनिया के सामने मार देती हैं नागा साधु, 12 सालों तक करती हैं ऐसा काम, कंपा देती हैं ब्रह्माण्ड!

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

Delhi: पुलिस ने आधार कार्डों की जानकारी के लिए यूआईडीएआई को लिखा पत्र
Delhi: पुलिस ने आधार कार्डों की जानकारी के लिए यूआईडीएआई को लिखा पत्र
तार-तार हुई हुई रिश्तों की मर्यादा…रोज होती थी हैवानियत, ये है नाबालिग की दास्तां
तार-तार हुई हुई रिश्तों की मर्यादा…रोज होती थी हैवानियत, ये है नाबालिग की दास्तां
कार चलाना सीख रही युवती ने महिला को कुचला… जानें क्या है पूरा मामला
कार चलाना सीख रही युवती ने महिला को कुचला… जानें क्या है पूरा मामला
मौसम विभाग ने किया अलर्ट, आज लखनऊ समेत प्रदेशभर में गरज-चमक के साथ होगी बारिश
मौसम विभाग ने किया अलर्ट, आज लखनऊ समेत प्रदेशभर में गरज-चमक के साथ होगी बारिश
हिमाचल में भारी बर्फबारी, 1500 से ज्यादा वाहन फंसे, रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू
हिमाचल में भारी बर्फबारी, 1500 से ज्यादा वाहन फंसे, रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू
CM विष्णु देव साय ने किया बड़ा ऐलान, छत्तीसगढ़ का हर बच्चा पढ़ेगा गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों की बलिदान गाथा
CM विष्णु देव साय ने किया बड़ा ऐलान, छत्तीसगढ़ का हर बच्चा पढ़ेगा गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों की बलिदान गाथा
छत्तीसगढ़ के भानुप्रतापपुर में भीषण रोड हादसा, 5 लोगों की मौत
छत्तीसगढ़ के भानुप्रतापपुर में भीषण रोड हादसा, 5 लोगों की मौत
राजस्थान के जिले सिरोही के लिए क्यों खास रहा साल 2024, जानें?
राजस्थान के जिले सिरोही के लिए क्यों खास रहा साल 2024, जानें?
Bihar: मुजफ्फरपुर में बीच रोड पर चले लात-घूंसे,आपस में भिड़ गईं स्कूली छात्राएं
Bihar: मुजफ्फरपुर में बीच रोड पर चले लात-घूंसे,आपस में भिड़ गईं स्कूली छात्राएं
Delhi Pollution: दिल्ली-NCR से GRAP-3 के प्रतिबंध हटे, बारिश के बाद एयर क्वालिटी में हुआ सुधार,जानें क्या रहेगा खुला
Delhi Pollution: दिल्ली-NCR से GRAP-3 के प्रतिबंध हटे, बारिश के बाद एयर क्वालिटी में हुआ सुधार,जानें क्या रहेगा खुला
नीति आयोग की डेल्टा रैंकिंग में उत्तर प्रदेश के आकांक्षात्मक विकास खण्डों का दबदबा
नीति आयोग की डेल्टा रैंकिंग में उत्तर प्रदेश के आकांक्षात्मक विकास खण्डों का दबदबा
ADVERTISEMENT