संबंधित खबरें
इन 3 तारीखों को जन्में लोग 30 से 45 की उम्र में खूब कमाते हैं पैसा, जानें इनकी कुंडली में ऐसा क्या होता है?
मरने के बाद शरीर से कैसे निकलती है आत्मा? मौत से जुड़े ये डरावने रहस्य नहीं जानते मनुष्य
अगर कंगाली से रहना चाहते हैं कोसों दूर, तो वॉशरूम में अनजाने से भी न रखें ये चीजें, वरना कभी नही भर पाएगा कुबेर खजाना!
कलियुग या घोर कलियुग? कैसा होगा महिलाओं और पुरुषों का चरित्र, श्रीकृष्ण ने द्वापर में कर दी थी ये भविष्यवाणी!
अगर बिना कर्ज चुकाए आ गई मृत्यु तो नए जन्म में पड़ सकता है तड़पना? ऐसा होगा अगला जन्म की झेलना होगा मुश्किल!
तुला समेत इन राशियों के खुलने वाले हैं भाग्य, पुष्य नक्षत्र में बनने जा रहा खास शुक्ल योग, जानें आज का राशिफल
India News (इंडिया न्यूज),Vijaya Ekadashi 2024 Date: हिंदू धर्म में सभी तिथियों में से एकादशी तिथि को महत्वपूर्ण माना जाता है। हर माह की कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा और व्रत करने की परंपरा है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, ऐसा करने से व्यक्ति को भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी कहा जाता है। विजया एकादशी का व्रत सूर्योदय से शुरू होकर अगले दिन द्वादशी तिथि को सूर्योदय के बाद समाप्त होता है। आइए आपको विजया एकादशी व्रत की तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व के बारे में बताते हैं।
हर एकदशी तिथि की तरह विजया एकदशी का व्रत भी भगवान विष्णु को समर्पित है। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विजया एकादशी कहा जाता है। पंचांग के अनुसार विजया एकादशी तिथि 06 मार्च को सुबह 06:30 बजे शुरू होगी और अगले दिन यानी 7 मार्च को सुबह 04:13 बजे तिथि समाप्त होगी. ऐसे में विजया एकादशी व्रत 6 फरवरी को है और इस दिन एकादशी व्रत रखा जाएगा.
धार्मिक मान्यता के अनुसार, विजया एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। शास्त्रों में बताया गया है कि लंका पर विजय पाने के लिए भगवान राम ने बकदाल्भ्य मुनि की सलाह पर समुद्र तट पर इस एकादशी का व्रत किया था, जिसके फलस्वरूप उन्होंने रावण पर विजय प्राप्त की। साथ ही इस व्रत को करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी कहा जाता है। जैसा कि इसके नाम से पता चलता है, यह एकादशी शत्रुओं पर विजय दिलाती है। विजया एकादशी का उल्लेख त्रेतायुग में भी मिलता है। ऐसा माना जाता है कि रावण पर विजय प्राप्त करने से पहले भगवान श्री राम ने सबसे पहले विजया एकादशी का व्रत रखा था। वहीं द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को इसका महत्व बताया था जिसके परिणामस्वरूप पांडवों ने महाभारत का युद्ध जीता था। इसके अलावा इस दिन व्रत रखने के कई फायदे भी हैं। कहा जाता है कि इससे व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है और उसके जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
यह भी पढ़ेंः-
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.