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Vinayaka Chaturthi 2025 Date: 23 या 24 दिसंबर कब है विनायक चतुर्थी व्रत? जानें सही डेट, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त

Vinayaka Chaturthi 2025 Date: हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर माह के चतुर्थी तिथि पर विनायक चतुर्थी व्रत किया जाता है, जो संतान सुख प्राप्ति के लिए बेहद अहम माना जाता हैं. इस बार विनायक चतुर्थी पर भद्रा लग रही है और राज पंचक भी है. आइये जानते हैं कब है विनायक चतुर्थी व्रत? किस शुभ मुहूर्त में की जाएगी पूजा और क्या है पूजा विधि?

Written By: Chhaya Sharma
Last Updated: December 20, 2025 18:34:10 IST

December Vinayaka Chaturthi 2025 Date: हिंदू धर्म में विनायक चतुर्थी व्रत को बेहद खास माना जाता है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह व्रत हर माह के चतुर्थी तिथि पर किया जाता है. इस दिन भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है और यह व्रत संतान सुख प्राप्ति के लिए बेहद अहम माना जाता है. साल का आखिरी महीना चल रहा है और आने वाली चतुर्थी तिथि पर यह साल का आखिरी विनायक चतुर्थी व्रत होगा, लेकिन इस दिन भद्रा लग रही है और राज पंचक भी है. आइये जानते हैं कब है विनायक चतुर्थी व्रत? किस शुभ मुहूर्त में की जाएगी पूजा और क्या है पूजा विधि? 

कब है दिसंबर में विनायक चतुर्थी व्रत

पंचांग के अनुसार, पौष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 23 दिसंबर को दोपहर में 12 बजकर 12 मिनट पर शुरू हो रही है, जो अगले दिन 24 दिसंबर को दोपहर में 1 बजकर 11 मिनट तक रहेगी. उदयातिथि के आधार पर दिसंबर की विनायक चतुर्थी का व्रत 24 दिसंबर दिन बुधवार को होगा. ऐसे में यह दिन इसलिए खास हैं, क्योंकि बुधवार का दिन  भगवान गणशे जी का होता है. इसलिए विनायक चतुर्थी व्रत का दोगुना फल प्राप्त होगा. इसके अलावा पंचांग के अनुसार विनायक चतुर्थी पर हर्षण योग प्रात:काल से लेकर शाम 04 बजकर 02 मिनट तक है. वहीं धनिष्ठा नक्षत्र प्रात:काल से लेकर पूर्ण रात्रि तक है.

विनायक चतुर्थी पर पूजा का शुभ मुहूर्त

  • अभिजीत मुहूर्त: नहीं है
  • अमृत काल: 9:22 PM – 11:03 PM
  • ब्रह्म मुहूर्त: 5:33 AM – 6:21 AM
  • शुभ समय: 11:07 AM – 12:26 PM
  • अन्नप्राशन शुभ मुहूर्त: 2:52 PM – 4:02 PM
  • गर्भाधान संस्कार शुभ मुहूर्त: 2:52 PM – 4:02 PM, 5:12 PM – 9:23 PM, 11:40 PM – 6:34 AM (25 दिसंबर)

विनायक चतुर्थी के दिन पंचक और भद्रा में

इस बार विनायक चतुर्थी के दिन भद्रा और पंचक भी है. भद्रा का वास स्थान पाताल लोक है. वहींं बुधवार को शुरु होने वाला पंचक राज पंचक कहलाता है. इसे अशुभ नहीं माना जाता है.

  • भद्रा का प्रारंभ-  सुबह 07 बजकर 11 मिनट से दोपहर 01 बजकर 11 मिनट तक 
  • पंचक का प्रारंभ -शाम 07 बजकर 46 मिनट से अगले दिन 25 दिसंबर को सुबह 07 बजकर 12 मिनट तक
  • राहुकाल का समय- दोपहर 12 बजकर 21 मिनट से 01 बजकर 38 मिनट तक

विनायक चतुर्थी व्रत  का महत्व

विनायक चतुर्थी के दिन व्रत और गणेश पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ती होती है, संतान के जीवन के दुख कम होते हैं. जीवन मेंगणेश जी की कृपा से सभी कार्य सफल होते हैं.  इस दिन पूजा में गणेश जी को दूर्वा जरूर अर्पित करना चाहिए. लेकिन ध्यान रहें कि विनायक चतुर्थी के दिन चंद्रमा का दर्शन वर्जित माना जाता है.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है. पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें. India News इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है.

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