इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : केंद्र सरकार ने हज यात्रा 2023 में ‘अमीर-गरीब’ या ‘खास और आम’ का भेद खत्म करने का फैसला किया है। जिसके लिए सरकार हर साल दिया जाने वाला वीआईपी कोटा खत्म करने जा रही है। एक केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, इसका फैसला हो चुका है। बस आधिकारिक तौर पर सिर्फ घोषणा होना बाकी है। आपको बता दें, सरकार के इस फैसले के बाद भारत से सऊदी अरब की धरती पर इस पवित्र यात्रा के लिए सभी लोग आम हज यात्री की तरह ही सफर करेंगे।
जानकारी दें, केंद्र सरकार की तरफ से अब तक हज यात्रा के लिए हर साल 500 स्थान वीआईपी कोटा के तहत आरक्षित किए जाते थे। इन वीआईपी कोटा सीटों पर जाने वाले हाजी राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री और हज समिति की तरफ से तय होते थे। राष्ट्रपति को 100, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को 75-75, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री को 50 और हज कमेटी ऑफ इंडिया को 200 सीट वीआईपी सिस्टम के तहत मिलती हैं। अब नए प्रस्ताव के तहत इन सीटों को भी आम हाजी के लिए खोल दिया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वीआईपी कोटे को हटाने का फैसला हो चुका है। बस इसकी घोषणा होना बाकी है। यह आधिकारिक ऐलान नई हज नीति में किया जाएगा, जिसकी घोषणा जल्द ही की जाएगी। घोषणा के बाद सभी हज यात्री हज कमेटी और निजी टूर ऑपरेटरों के जरिये ही हज यात्रा करेंगे।
आपको बता दें, सऊदी अरब ने इस बार हाजियों की संख्या का प्रतिबंध हटा दिया है। यह प्रतिबंध पिछले तीन साल से कोरोना महामारी के कारण लगा हुआ था, जिसमें आयु सीमा भी 65 साल तय कर दी गई थी। इस बार भारत से 1.75 लाख के बजाय 2 लाख हाजी हज यात्रा के लिए सऊदी अरब जा सकेंगे। मालूम हो, हज यात्रियों की संख्या में यह बढ़ोतरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ मुलाकात के बाद की गई थी। संख्या बढ़ने का सबसे बड़ा लाभ इस बार उत्तर प्रदेश को मिला है, जहां से देश में सबसे ज्यादा 31 हजार हज यात्री सफर पर जाएंगे।
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