संबंधित खबरें
महाभारत युद्ध के बाद आखिर ऐसा क्या हुआ जो भारत में नजर आने लगा तबाही का मंजर! जाने क्या है उन 18 दिनों की कहानी?
महाभारत में दुर्योधन के कुकर्मों के बाद भी क्यों मिला स्वर्ग, और पांडवों को अपनी अच्छाई के बाद भी इस एक गलती के कारण झेलना पड़ा था स्वर्ग!
Kalashtami Katha 2024: जब भगवान शिव के इस अवतार ने अपने नाखून से काटा था ब्रह्मा जी का सर, ब्रह्म हत्या के पाप का लग गया था आरोप, जानिए क्या है इसका रहस्य!
इन 4 राशि के जातकों के वेशी योग से खुल जाएंगे भाग्य, इतनी मिलेगी सुख समृद्धि जिसे आप भी होंगे बेखबर, जानें क्या है आज का राशिफल?
चल रही है शनि की महादशा? इस तरीके से शनि महाराज से मांगें माफी, कट जाएंगे सारे कष्ट…दिखेगा शनि का अलग रूप
घर में शराब रखना होता है शुभ? आचार्य ने बताया रखने का सही तरीका…अचानक मिलने लगेंगी ये 3 अनमोल चीजें
अहोई अष्टमी पर आपको मौसमी फलों का ही इस्तेमाल करना चाहिए। सर्दियों की शुरुआत हो चुकी है। ऐसे में बाजार में सेब, केले, अनार, सीता फल आदि फलों की बहार है। हम आपको बताएं कि अहोई अष्टमी व्रत 2021 में आपको कौन-कौन से फलों का सेवन करना चाहिए?
What is Traditional Benefits of Ahoi Ashtami
इस समय बाजार में सेब, केला, अनार, मौसमी, सीता फल, सिंघाड़े, आदि प्रचूर मात्रा में उपलब्ध हैं। इस दौरान आप इन फलों का सेवन व्रत में कर सकती हैं।
अहोई माता को पार्वती माता का ही रूप माना जाता है। ऐसे में आप अहोई माता को मौसमी फलों के साथ-साथ सिंघाड़े, शकरकंदी, गन्ना जरूर चढ़ाएं। इससे मां प्रसन्न होंगी और आपकी और आपकी संतान की रक्षा करेंगी।
हर वर्ष अहोई अष्टमी का व्रत श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इस बार अहोई अष्टमी 28 अक्टूबर को है। ऐसे में लोग जानना चाहते हैं कि अहोई अष्टमी माता के प्रसाद का पारंपरिक क्या लाभ है। इस बारे में ज्योतिषाचार्य मदन गुप्ता सपाटू कहते हैं कि अहोई माता का व्रत सर्वोत्तम माना गया है। इस कारण इस व्रत के प्रसाद का महत्व भी अलग ही है। क्योंकि यह व्रत माताएं अपनी संतान के लिए रखती हैं इसलिए यह और अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। हम आपको बताएंगे कि आखिर क्या महत्व है इस प्रसाद का।
अहोई माता के व्रत में माता को चढ़ाए जाने वाले फल-फूल और मिष्ठान को अगले दिन बच्चों में बांटे जाने का प्रावधान है। माता को जो फल अर्पित किए जाते हैं उन्हें माताएं और बच्चे ही सेवन करते हैं। फूलों को आप अपनी अल्मारी में रख सकते हैं। बाकी के बचे हुए फूलों और मालाओं को बहते जल में प्रवाहित कर दें।
इस बार अहोई अष्टमी 28 अक्टूबर को है। इस संबंध में पाठकों के बहुत से सवाल हमारे पास आ रहे हैं। ऐसे ही एक पाठक ने हमसे पूछा है कि क्या अहोई अष्टमी व्रत के अगले दिन अंडे या नॉनवेज का सेवन किया जा सकता है?
इस पोस्ट में हम आपके सवालों के जवाब विद्वानों द्वारा देंगे ताकि आपको किसी प्रकार की दुविधा न हो।
अगर आपने अहोई माता का व्रत रखा है तो आपको नॉनवेज का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि आप गुरुवार को अहोई माता का व्रत रखेंगी और अगले दिन अंडे आदि का सेवन करना चाहती हैं तो यह उचित नहीं होगा। दिवाली तक अहोई माता की माला और पूजा का प्रावधान है। इस बारे में ज्योतिषाचार्य मदन गुप्ता सपाटू कहते हैं कि शास्त्रों के अनुसार व्रत के पहले और बाद में मांस आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। दिवाली तक व्रत की मान्यता है। ऐसे में आप जितना हो सके इससे बचें और मन में भी ऐसे विचार न आने दें।
जय अहोई माता जय अहोई माता ।
तुमको निसदिन ध्यावत हरी विष्णु धाता ।।
ब्रम्हाणी रुद्राणी कमला तू ही है जग दाता ।
जो कोई तुमको ध्यावत नित मंगल पाता ।।
तू ही है पाताल बसंती तू ही है सुख दाता ।
कर्म प्रभाव प्रकाशक जगनिधि से त्राता ।।
जिस घर थारो वास वही में गुण आता ।
कर न सके सोई कर ले मन नहीं घबराता ।।
तुम बिन सुख न होवे पुत्र न कोई पता ।
खान पान का वैभव तुम बिन नहीं आता ।।
शुभ गुण सुन्दर युक्ता क्षीर निधि जाता ।
रतन चतुर्दश तोंकू कोई नहीं पाता ।।
श्री अहोई माँ की आरती जो कोई गाता ।
उर उमंग अति उपजे पाप उतर जाता ।।
Read Also : Diwali 2021 Messages for Couples
Read Also : Diwali 2021 Wishes Message for Brother
Read Also : Latest Bhai Dooj 2021 Wishes Messages in Hindi and English
Read Also : Festival of Faith Chhath Puja : आस्था का महापर्व छठ पूजा, जानिए विधि, सामग्री और मान्यताएं
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.