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क्या होता है ये महिला Circumcision…92 देशों में इस परम्परा का क्या है मतलब?

PUBLISHED BY: Prachi Jain • LAST UPDATED : September 27, 2024, 12:39 pm IST
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क्या होता है ये महिला Circumcision…92 देशों में इस परम्परा का क्या है मतलब?

Female Circumcision: महिला खतना की प्रक्रिया में एक ब्लेड का उपयोग करके महिला के प्राइवेट पार्ट को काटा जाता है। यह अत्याचार जन्म के बाद से लेकर युवावस्था तक की उम्र में किया जाता है।

India News (इंडिया न्यूज़), Female Circumcision: महिला सशक्तिकरण के नाम पर आज कई पहल की जा रही हैं, लेकिन इसके बावजूद कुछ क्षेत्रों में महिलाओं के साथ शारीरिक और मानसिक अत्याचार आज भी जारी हैं। इनमें से एक कुप्रथा है महिला खतना, जिसे अंग्रेजी में Female Genital Mutilation (FGM) कहा जाता है।

महिला खतना क्या है?

महिला खतना का अर्थ है महिलाओं के जननांगों को काटना या हटाना। यह एक अत्यंत दर्दनाक प्रक्रिया है, जिसका सामना लगभग 20 करोड़ महिलाओं ने किया है। यह कुप्रथा मुख्यतः अफ्रीका, एशिया, और मध्य पूर्व के कुछ देशों में पाई जाती है। यूनिसेफ के 2016 के अनुमान के अनुसार, 30 देशों में लगभग 200 मिलियन महिलाओं के साथ यह अत्याचार किया जा चुका है।

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प्रक्रिया की भयावहता

महिला खतना की प्रक्रिया में एक ब्लेड का उपयोग करके महिला के प्राइवेट पार्ट को काटा जाता है। यह अत्याचार जन्म के बाद से लेकर युवावस्था तक की उम्र में किया जाता है। आमतौर पर, यह प्रक्रिया अधिकांश लड़कियों पर पांच वर्ष की आयु से पहले ही कर दी जाती है।

इस प्रक्रिया के दौरान कई तरह के जननांगों को काटा जाता है, जैसे कि:

  • क्लिटोरल हुड (टाइप 1-ए) और क्लिटोरल ग्लान्स (1-बी) को हटाया जाता है।
  • आंतरिक और बाहरी लेबिया को भी काटा जाता है, जिससे योनि को बंद किया जाता है।

यह प्रक्रिया, जिसे इन्फिब्यूलेशन कहा जाता है, में केवल मूत्र और मासिक धर्म के द्रव के पारित होने के लिए एक छोटा सा छेद छोड़ दिया जाता है। इस तरह की प्रथाओं का उद्देश्य महिलाओं को नियंत्रित करना और उनके जीवन को प्रभावित करना है।

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समस्या के समाधान की दिशा में कदम

महिला खतना केवल एक शारीरिक चोट नहीं है; यह मानसिक स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव डालता है। यह कुप्रथा सामाजिक, सांस्कृतिक, और धार्मिक मान्यताओं से जुड़ी हुई है, और इसके खिलाफ जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है।

सिर्फ सरकारी योजनाओं से नहीं, बल्कि सामुदायिक भागीदारी और शिक्षा के माध्यम से ही इस प्रथा का समाप्ति संभव है। महिलाओं और लड़कियों को उनके अधिकारों और शारीरिक स्वायत्तता के बारे में जागरूक करना आवश्यक है।

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निष्कर्ष

महिला खतना एक अमानवीय कुप्रथा है, जो महिलाओं के स्वास्थ्य और उनकी जिंदगी पर गहरा प्रभाव डालती है। हमें मिलकर इस समस्या के खिलाफ लड़ाई लड़नी होगी और एक सशक्त समाज का निर्माण करना होगा, जहां महिलाओं को उनकी पूरी स्वतंत्रता और अधिकार मिले।

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Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

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