संबंधित खबरें
Today Horoscope: इस एक राशि पर टूटेंगे खर्चों के पहाड़, तो वही लम्बे समय से चली आ रही परेशानी होगी दूर, जानें कैसा होगा आज का राशिफल
श्री कृष्ण ने अपने इस पुत्र को दे दिया था ऐसा श्राप, अपनी माताओँ पर ही स्नान करते वक्त डाली थी नजर!
महिलाएं क्यों नहीं कर सकती ये काम? भूलकर भी कर दी यह गलती तो भगवान कभी नहीं करेंगे माफ!
रामायण से जुड़े है तार लेकिन आज भी इंसानी आंखों से दूर है ये गुफा, बाली से छिपकर इस गुफा में रहते थे सुग्रीव!
महाभारत काल का पहला टेस्ट टयूब बेबी था ये शूरवीर योद्धा…जन्म की कहानी इतनी रहस्यमयी के सुनकर रह जाएंगे दंग
नागा साधु बनने के लिए महिलाओं को गुजरना पड़ता है इस दर्दनाक प्रक्रिया से, इनकी रहस्यमयी सच्चाई जानकर फटीं रह जाएंगी आंखें
मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिर्विद्
इस लेख का उददे्श्य कुछ धार्मिक ग्रंन्थों के परस्पर विरोधाभास तथा विसंगतियों पर तार्किक रुप से एक साधारण व्यक्ति की दृष्टि से विचार करना है न कि धर्म पर कोई आरोप लगाना अथवा उंगली उठाना जिस पर आप पूरा लेख पढ़कर विचारमंथन कर सकते हैं।
हिन्दू धर्मानुसार जब किसी के घर में किसी की मौत हो जाती है तो 13 दिन तक गरूड़ पुराण का पाठ रखा जाता है। शास्त्रों अनुसार कोई आत्मा तत्काल ही दूसरा जन्म धारण कर लेती है। किसी को 3 दिन लगते हैं, किसी को 10 से 13 दिन लगते हैं और किसी को सवा माह लगते हैं। लेकिन जिसकी स्मृति पक्की, मोह गहरा या अकाल मृत्यु मरा है तो उसे दूसरा जन्म लेने के लिए कम से कम एक वर्ष लगता है। तीसरे वर्ष उसका अंतिम तर्पण किया जाता है। फिर भी कई ऐसी आत्माएं होती हैं जिन्हें मार्ग नजर नहीं आता है और वे भटकती रहती है।
गरुड़ पुराण में बताया गया है, कि आत्मा लगभग 13 दिनों तक उसी घर में निवास करती है। ऐसी स्थिती में यदि घर में गरुड़ पुराण का नियमित पाठ किया जाता है तो इसके श्रवण मात्र से ही आत्मा को शांति तथा मोक्ष की प्राप्ति संभव हो जाती है। इसके अलावा इसमें जीवन से जुड़े सात ऐसे महत्वपूर्ण नियम बताए गए हैं, जिनका पालन प्रत्येक व्यक्ति को बड़ी ही सहजता के साथ करना चाहिए।
एक बार गरुड़ ने भगवान विष्णु से, प्राणियों की मृत्यु, यमलोक यात्रा, नरक-योनियों तथा सद्गति के बारे में अनेक गूढ़ और रहस्ययुक्त प्रश्न पूछे। उन्हीं प्रश्नों का भगवान विष्णु ने सविस्तार उत्तर दिया। यह प्रश्न और उत्तर की श्रृंखला ही गरुड़ पुराण है।गरुड़ पुराण में स्वर्ग, नरक, पाप, पुण्य के अलावा भी बहुत कुछ है। उसमें ज्ञान, विज्ञान, नीति, नियम और धर्म की बाते हैं। गरुड़ पुराण में एक ओर जहां मौत कारहस्य है जो दूसरी ओर जीवन का रहस्य छिपा हुआ है।
गरुड़ पुराण से हमे कई तरह की शिक्षाएं मिलती है। गरुण पुराण में, मृत्यु के पहले और बाद की स्थिति के बारे में बताया गया है। यह पुराण भगवान विष्णु की भक्ति और उनके ज्ञान पर आधारित है। प्रत्येक व्यक्ति को यह पुराण पढ़ना चाहिए। गरुड़ पुराण हिन्दू धर्म के प्रसिद्ध धार्मिक ग्रंथों में से एक है। 18 पुराणों में से इसे एक माना जाता है। गरुड़ पुराण में हमारें जीवन को लेकर कई गूढ बातें बताई गई है। जिनके बारें में व्यक्ति को जरूर जनना चाहिए।
1. गरुण पुराण में, मृत्यु के पहले और बाद की स्थिति के बारे में बताया गया है। इसीलिए यह पुराण मृतक को सुनाया जाता है।
2. 13 दिनों तक मृतक अपनों के बीच ही रहता है। इस दौरान गरुढ़ पुराण का पाठ रखने से वह स्वर्ग-नरक, गति, सद्गति, अधोगति, दुर्गति आदि तरह की गतियों के बारे में जान लेता है।
3. आगे की यात्रा में उसे किन-किन बातों का सामना करना पड़ेगा, कौन से लोक में उसका गमन हो सकता है यह सभी वह गरुड़ पुराण सुनकर जान लेता है।
4. जब मृत्यु के उपरांत घर में गरुड़ पुराण का पाठ होता है तो इस बहाने मृतक के परिजन यह जान लेते हैं कि बुराई क्या है और सद्गति किस तरह के कर्मों से मिलती है ताकि मृतक और उसके परिजन दोनों ही यह भलिभांति जान लें कि उच्च लोक की यात्रा करने के लिए कौन से कर्म करना चाहिए।
What is Garuda Purana
5. गरुड़ पुराण हमें सत्कर्मों के लिए प्रेरित करता है। सत्कर्म और सुमति से ही सद्गति और मुक्ति मिलती है।
6. गरुड़ पुराण में व्यक्ति के कर्मों के आधार पर दंड स्वरुप मिलने वाले विभिन्न नरकों के बारे में बताया गया है। गरुड़ पुराण के अनुसार कौनसी चीजें व्यक्ति को सद्गति की ओर ले जाती हैं इस बात का उत्तर भगवान विष्णु ने दिया है।
7. गरुड़ पुराण में हमारे जीवन को लेकर कई गूढ बातें बताई गई है। जिनके बारे में व्यक्ति को जरूर जनना चाहिए। आत्मज्ञान का विवेचन ही गरुड़ पुराण का मुख्य विषय है। गरूड़ पुराण के उन्नीस हजार श्लोक में से बचे सात हजार श्लोक में गरूड़ पुराण में ज्ञान, धर्म, नीति, रहस्य, व्यावहारिक जीवन, आत्म, स्वर्ग, नर्क और अन्य लोकों का वर्णन मिलता है।
8. इसमें भक्ति, ज्ञान, वैराग्य, सदाचार, निष्काम कर्म की महिमा के साथ यज्ञ, दान, तप तीर्थ आदि शुभ कर्मों में सर्व साधारण को प्रवृत्त करने के लिए अनेक लौकिक और पारलौकिक फलों का वर्णन किया गया है। यह सभी बातें मृतक और उसके परिजन जानकर अपने जीवन को सुंदर बना सकते हैं।
What is Garuda Purana
9. इसके अतिरिक्त इसमें आयुर्वेद, नीतिसार आदि विषयों के वर्णन के साथ मृत जीव के अन्तिम समय में किए जाने वाले कृत्यों का विस्तार से निरूपण किया गया है।
10. कहते हैं कि गरुढ़ पुराण का पाठ सुनने से ही मृतक आत्मा को शांति प्राप्त होती है और उसे मुक्ति का मार्ग पता चल जाता है। वह अपने सारे संताप को भूलकर प्रभु मार्ग पर चलकर सद्गति प्राप्त कर या तो पितरलोक में चला जाता है या पुन: मनुष्य योनी में जन्म ले लेता है। उसे प्रेत बनकर भटकना नहीं पड़ता है।
गरुड़ पुराण में 84 लाख नरक का वर्णन बताया गया है, और इनमेसे 16 नरक को घोर नरक बताये गए है।
गीता में भगवान कृष्ण ने कहा – नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः। न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः॥ अर्थ – श्री कृष्ण कहते हैं कि हे अर्जुन, ये आत्मा अजर अमर होती
है, इसे ना तो आग से जला सकते है, और ना ही पानी भिगो सकते है, और ना ही हवा इसे सुखा सकती है और ना ही कोई अस्त्र शस्त्र इसे काट सकता हैं।
What is Garuda Purana
Read Also : Yadadri Temple: बिना सीमेंट-ईंट तैयार ‘यदाद्री’ मंदिर, हजार साल तक कुछ नहीं बिगड़ेगा
Read Also : Dharam : परमात्मा की कृपा से मूक हो जाते वाचाल
Connect With Us : Twitter Facebook
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.