संबंधित खबरें
क्यों दुर्योधन की जांघ तोड़कर ही भीम ने उतारा था उसे मौत के घाट, पैर में छिपा था ऐसा कौन-सा जीवन का राज?
जो लोग छिपा लेते हैं दूसरों से ये 7 राज…माँ लक्ष्मी का रहता है उस घर में सदैव वास, खुशियों से भरी रहती है झोली
इन 4 राशियों की लड़कियों का प्यार पाना होता है जंग जीतने जैसा, स्वर्ग सा बना देती हैं जीवन
देवो के देव महादेव के माता-पिता है कौन? शिव परिवार में क्यों नहीं दिया जाता पूजा स्थान
नए साल पर गलती से भी न करें ये काम, अगर कर दिया ऐसा तो मां लक्ष्मी देंगी ऐसी सजा जो सोच भी नहीं पाएंगे आप
दान में जो दे दिए इतने मुट्ठी चावल तो दुनिया की कोई ताकत नहीं जो रोक दे आपके अच्छे दिन, जानें सही तरीका और नियम?
India News (इंडिया न्यूज), Diwali Significance: इस बार दिवाली 31 अक्टुबर यानी आज है। दिवाली कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि इसी दिन भगवान राम लंका पर विजय प्राप्त कर अयोध्या लौटे थे, जिसकी खुशी में सभी नगरवासियों ने दीप जलाए थे। दिवाली के दिन लोग अपने घरों को दीयों, रंगोली आदि से सजाते हैं। लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि दिवाली क्यों मनाई जाती है या इस त्योहार की शुरुआत कब से हुई? दरअसल, दिवाली मनाने के पीछे कई पौराणिक कहानियां हैं जो बहुत महत्वपूर्ण हैं। तो आइए जानते हैं उन कहानियों के बारे में।
रामायण के अनुसार जब भगवान श्री राम लंका के राजा रावण का वध करके माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे थे, तो उस दिन पूरी अयोध्या नगरी को दीपों से सजाया गया था। कहा जाता है कि 14 वर्ष के वनवास के बाद भगवान राम के अयोध्या आगमन पर दिवाली मनाई जाती है। हर शहर और गांव में दीप जलाए गए थे। तब से दिवाली का यह त्योहार अंधकार पर विजय का त्योहार बन गया।
भगवान श्री कृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा की सहायता से राक्षस राजा नरकासुर का वध किया था। नरकासुर को एक स्त्री द्वारा मारे जाने का श्राप मिला था। उस दिन कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि थी। नरकासुर के आतंक और अत्याचारों से मुक्ति मिलने की खुशी में लोगों ने दीपोत्सव मनाया। अगले दिन दिवाली मनाई गई।
दिवाली के बारे में पांडवों की घर वापसी की एक कहानी प्रचलित है। आपको याद दिला दें कि पांडवों को भी अपना वनवास छोड़ना पड़ा था, जिसके बाद पांडव घर लौटे और इस खुशी में पूरा शहर जगमगा उठा और तब से दिवाली की शुरुआत हुई।
दिवाली से जुड़ी एक और कहानी यह है कि समुद्र मंथन के दौरान माँ लक्ष्मी ब्रह्मांड में अवतरित हुई थीं। यह भी एक मुख्य कारण है। माँ लक्ष्मी को धन और समृद्धि की देवी माना जाता है। इसीलिए हर घर में दीये जलाने के साथ-साथ हम माँ लक्ष्मी की पूजा भी करते हैं। दिवाली मनाने का यह भी एक मुख्य कारण है।
मुगल बादशाह जहाँगीर ने सिखों के 6वें गुरु गोविंद सिंह समेत 52 राजाओं को ग्वालियर किले में कैद कर लिया था। जब गुरु को कैद से मुक्त किया जा रहा था, तो उन्होंने अपने साथ कैद राजाओं की रिहाई की मांग की। गुरु हरगोबिंद सिंह के अनुरोध पर राजाओं को भी कैद से रिहा कर दिया गया। इसलिए सिख समुदाय के लोग भी इस त्यौहार को मनाते हैं।
अंतिम हिंदू सम्राट राजा विक्रमादित्य की कहानी भी दिवाली से जुड़ी हुई है। राजा विक्रमादित्य प्राचीन भारत के एक महान सम्राट थे। वे बहुत ही आदर्श राजा थे और हमेशा अपनी उदारता, साहस और विद्वानों के संरक्षण के लिए जाने जाते हैं। इसी कार्तिक अमावस्या को उनका राज्याभिषेक हुआ था। राजा विक्रमादित्य भारत के अंतिम हिंदू सम्राट थे जिन्होंने मुगलों को हराया था।
एक अन्य कथा के अनुसार जब मां पार्वती ने राक्षस का वध करने के लिए महाकाली का रूप धारण किया था, उसके बाद भी उनका क्रोध शांत नहीं हो रहा था। तब महाकाली के क्रोध को शांत करने के लिए स्वयं भगवान शिव उनके चरणों में लेट गए। तब भगवान शिव के स्पर्श से उनका क्रोध शांत हो गया। इसी की याद में उनके शांत स्वरूप लक्ष्मी की पूजा शुरू हुई। इस रात्रि को उनके रौद्र रूप काली की पूजा का भी प्रावधान है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.