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India News (इंडिया न्यूज), Neev Mein Naag-Nagin Ka Joda: भारतीय संस्कृति और धार्मिक मान्यताओं में विभिन्न प्रतीकों और परंपराओं का विशेष महत्व होता है। इनमें से एक परंपरा है घर की नींव में नाग-नागिन के जोड़े को स्थापित करने की। यह प्राचीन रिवाज खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को मिलता है, जहां लोग घर बनाने से पहले इस विधि को अपनाते हैं। इस परंपरा का धार्मिक, सांस्कृतिक, और वास्तुशास्त्र से संबंध है, जिससे जुड़े कई लाभ बताए गए हैं।
भारतीय पुराणों में नागों का एक प्रमुख स्थान है। नागों को शक्तिशाली और रहस्यमयी प्राणी माना जाता है, जो पृथ्वी के अंदर निवास करते हैं। नाग देवता का संबंध विशेष रूप से जल, उर्वरता, और धरती से है। ऐसा माना जाता है कि नागों का आशीर्वाद प्राप्त होने से भूमि की उर्वरता और समृद्धि बढ़ती है।
नाग-नागिन के जोड़े का प्रतीकात्मक महत्व यह है कि यह सृष्टि के संतुलन, पुनर्जन्म और सुरक्षा का प्रतिनिधित्व करता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, नागों की पूजा करने से घर और परिवार को विपत्तियों से बचाया जा सकता है।
नागों को घर की नींव में स्थापित करने का एक प्रमुख कारण वास्तु दोष से मुक्ति प्राप्त करना है। नाग वास्तुशास्त्र में बहुत ही महत्वपूर्ण माने जाते हैं और उन्हें समर्पित करने से यह माना जाता है कि भूमि से जुड़े वास्तु दोष समाप्त हो जाते हैं। यह घर में शांति, समृद्धि और सुख-शांति लाने में सहायक होता है।
ऐसा विश्वास है कि नाग-नागिन के जोड़े को नींव में स्थापित करने से भूमि पर सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है। इससे घर पर किसी प्रकार की बाहरी बुरी शक्तियों का प्रभाव नहीं होता और घर को स्थायित्व प्राप्त होता है। नागों की उपस्थिति भूमि और भवन की रक्षा करती है।
नागों को समृद्धि और संपत्ति के देवता के रूप में भी देखा जाता है। पौराणिक कथाओं में कुबेर का संबंध नागों से बताया गया है। इसलिए, नाग-नागिन का जोड़ा घर में आर्थिक संपन्नता और मानसिक शांति लेकर आता है। यह जीवन में सकारात्मकता का संचार करता है और परिवार के लोगों को रोगों और समस्याओं से मुक्त रखता है।
नाग को विनाशकारी शक्तियों से मुकाबला करने वाला देवता माना जाता है। जब किसी घर की नींव में नाग-नागिन का जोड़ा स्थापित किया जाता है, तो उस घर पर आने वाली किसी भी बुरी शक्ति का प्रभाव कम हो जाता है। यह परिवार को प्राकृतिक आपदाओं और बुरी नजर से बचाता है।
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भारतीय धर्मग्रंथों में नागों का स्थान प्रमुख है। विशेष रूप से नाग पंचमी जैसे पर्व नाग देवता की पूजा के लिए समर्पित होते हैं। नाग देवता की पूजा से जीवन में शुभता आती है। इसीलिए जब कोई नया घर बनाया जाता है, तो नाग-नागिन के जोड़े को प्रतिष्ठित कर उनका आशीर्वाद लिया जाता है, ताकि नए घर में सदा सुख और शांति का निवास हो।
घर की नींव में नाग-नागिन के जोड़े की स्थापना एक प्राचीन धार्मिक और सांस्कृतिक परंपरा है, जो आज भी भारतीय समाज में प्रचलित है। यह प्रथा धार्मिक आस्था के साथ-साथ वास्तुशास्त्र और सकारात्मक ऊर्जा को घर में स्थापित करने का प्रतीक है। इस परंपरा के माध्यम से न केवल परिवार की सुरक्षा और समृद्धि सुनिश्चित होती है, बल्कि घर में शांति और संतुलन भी बना रहता है।
इसलिए, जो लोग अपने नए घर में शांति और समृद्धि चाहते हैं, वे इस प्राचीन विधि को अपनाते हैं, जिससे उन्हें जीवन में सकारात्मकता और संतुलन प्राप्त हो।
Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें।इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
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