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जब कलियुग में बना था महाभारत काल जैसा ये खतरनाक, डरकर ज्योतिषी भी देने लगे थे चेतावनियां, जानें फिर क्या हुआ?

BY: Pankaj Namdev • LAST UPDATED : September 25, 2024, 6:03 pm IST
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जब कलियुग में बना था महाभारत काल जैसा ये खतरनाक, डरकर ज्योतिषी भी देने लगे थे चेतावनियां, जानें फिर क्या हुआ?

Mahabharata Period: महाभारत काल

India News (इंडिया न्यूज), Mahabharata Period: क्या आप जानते हैं कुछ समय पहले महाभारत काल का अनुभव किया गया था। जी हां वैदिक ज्योतिशास्त्र के अनुसार साल 2024 में एक समय ऐसा भी आया था जो पहले महाभारत काल में आया था। ज्योतिषियों के अनुसार, यह समय लगभग 5200 साल बाद आया था है। जब महाभारत काल का समय था उस समय कौरवों और पांडवों के बीच खतरनाक युद्ध हुआ था। उस युद्ध में हजारों-लाखों सैनिक, योद्धा और राजा मारे गए थे।

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर महीने में सामान्य रूप से दो पक्ष होता है और एक पक्ष में 15 दिन होता है। लेकिन कभी-कभी एक तिथि घटने या बढ़ने पर 14 या 16 दिन का हो जाता है। बता दें कि साल 2024 में दो पक्ष में दो तिथि घटी थी। जिस कारण से एक पक्ष में 13 दिन और दूसरे पक्ष में 17 दिन के होंगे। ज्योतिषियों की गणना के अनुसार, त्रयोदशी पक्ष को बेहद ही अशुभ समय बताया गया है। ज्योतिषियों के अनुसार, गुरु और शुक्र का एक साथ अस्त होना एक बहुत ही बड़ी वजह माना गया था। ज्योतिषियों के अनुसार, 13 दिन का ये जो पक्ष होता है वह बेहद ही विनाशकारी होता है।

त्रयोदशी पक्ष का समय बहुत विनाशकारी

ज्योतिषियों के अनुसार, 13 दिन का पक्ष का अशुभ समय महाभारत काल के समय हुआ था। जिस समय त्रयोदशी तिथि का अशुभ योग बना था तो उस समय कौरवों और पांडवों के बीच युद्ध की शुरुआत हो गई थी। पौराणिक कथाओं के अनुसार, पांडवों और कौरवों के युद्ध में अनगिनत सैनिक और योद्धा मारे गए थे। महाभारत काल जैसा ही समय साल 2024 में भी देखने को मिला था। इस बीच भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में इस अशुभ योग का प्रभाव देखने को मिला था है। वैदिक ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार, त्रयोदशी पक्ष का समय बहुत विनाशकारी माना गया था।

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विनाशकारी योग में बरते ये सावधनियां

आपको बता दें कि इस तरह के विनाशकारी योग से विश्व में कहीं तूफान, बाढ़, सूखा जैसी आपदाएं आने का हमेशा डर रहता है। ऐसे विनाशकारी योग में लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए। साथ ही सभी लोग सच्चे भाव से भगवान की भक्ति कर सकते हैं। ऐसा करने से सकारात्मक फल प्राप्त होता।

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