शादी हर किसी के जीवन का बेहद खास दिन होता हैं, इसे स्पेशल बनाने के लिए लिए कई तरह के रीति रिवाज और रस्में निभाई जाती हैं, जिनके पीछे छिपा धार्मिक महत्व बेहद खास है. इन रस्मों को जोड़ों के आगे आने वाली खुशहाल जीवन के लिए किया जाता हैं. शादी में एक रस्म बेहद खास और महत्वपुर्ण मानी जाती है. इस रस्म में विदाई के समय दुल्हन को अपने पीछे चावल फेंकने होते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये रस्म शादी में विदाई के समय क्यों की जाती है? अगर नहीं तो चलिए जानते हैं यहां
विदाई के समय दुल्हन को अपने पीछे चावल फेंकने की रस्म क पीछें कई मान्यताएं है
1. बेटी को माना जाता है लक्ष्मी का स्वरूप
हिंदू धर्म में घर की बेटियों को मां लक्ष्मी का रूप माना जाता है. ऐसे में जब घर की बेटी दुल्हन बन विदा होती है, तो वह जाते हुए अपने मायके के लिए सुख-समृद्धि और धन-धान्य की कामना करती है, इसलिए विदा होते हुए अपने पीछे घर को छोड़ते हुए चावल फेंकने की रस्म की जाती है, जिससे घर में अन्न और धन की कभी कमी न हो.
2. दुल्हन क्यों फेंकती हैं चावल
हिंदू धर्म में चावल को धन, समृद्धि और शुभता का प्रतीक बताया गया है. इसलिए दुल्हन विदाई के दौरान घर छोड़ते हुए विदाई के समय चावल अपने पीछ घर में फेंकती है. कहा जाता है कि यह रस्म दुल्हन अपने मायके को बुरी नजर से बचाने के लिए करती है
3. आभार और दुआ का प्रतीक
मान्यताओं के अनुसार विदाई के समय चावल पीछे फेंकने की रस्म इसलिए की जाती है, ताकि बेटियां अपने माता-पिता और परिवार को धन्यवाद दें सके. यह एक तरह का संकेत भी होता है कि कि भले ही वो घर छोड़ रही है, लेकिन वो मन से अपने परिवार के लिए दुआएं और शुभकामनाएं करती हैं.
4. पीछे मुड़कर न देखने की मान्यता
हिंदू धर्म में विदाई के समय दुल्हन पीछे मुड़कर नहीं देखती हैं, ऐसा करने की मनाही होती है, ऐसा इसलिए किया जाता है कि वो अपने मायके का सौभाग्य अपने साथ नहीं ले जा रही, बल्कि वो उसे वहीं छोड़कर जा रही हैं.
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