संबंधित खबरें
महाभारत में इस व्यक्ति ने द्रौपदी के लिए बिछाया था प्रेम जाल, भुगतना पड़ गया था मृत्यु दंड!
Today Horoscope: इस 1 राशि का आज चमकेगा भाग्य, वही इन 3 जातकों के रस्ते आएंगी रुकावटें, जानें आज का राशिफल!
क्यों दुर्योधन की जांघ तोड़कर ही भीम ने उतारा था उसे मौत के घाट, पैर में छिपा था ऐसा कौन-सा जीवन का राज?
जो लोग छिपा लेते हैं दूसरों से ये 7 राज…माँ लक्ष्मी का रहता है उस घर में सदैव वास, खुशियों से भरी रहती है झोली
इन 4 राशियों की लड़कियों का प्यार पाना होता है जंग जीतने जैसा, स्वर्ग सा बना देती हैं जीवन
देवो के देव महादेव के माता-पिता है कौन? शिव परिवार में क्यों नहीं दिया जाता पूजा स्थान
India News (इंडिया न्यूज), Neem Karoli Baba: नीम करोली बाबा के भक्त पूरी दुनिया में हैं। माना जाता है कि एप्पल कंपनी के संस्थापक स्टीव जॉब्स और फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग भी बाबा के भक्त हैं। इन लोगों ने बाबा के आशीर्वाद से ही इतनी तरक्की की है। इस लेख में हम बाबा से जुड़े एक चमत्कार के बारे में जानेंगे जिसमें उन्होंने घर बैठे ही दुश्मन की गोली से एक सैनिक की जान बचाई थी।
एक बुजुर्ग दंपत्ति नीम करोली बाबा के भक्त हुआ करते थे। वे दोनों फतेहगढ़ में रहते थे। एक दिन बाबा उनके घर पहुंचे और दंपत्ति से कहा कि आज रात मैं तुम्हारे घर पर विश्राम करूंगा। दंपत्ति बाबा को देखकर बहुत खुश हुए लेकिन गरीब होने के कारण मन में सोचने लगे कि हम बाबा का सम्मान कैसे करेंगे? फिर उन्होंने किसी तरह बाबा के लिए रात का खाना तैयार किया। बाबा के खाने के बाद उन्होंने उन्हें एक खाट पर सुला दिया और ओढ़ने के लिए एक कंबल दिया। दोनों पति-पत्नी खाट के पास फर्श पर चटाई बिछाकर सो गए।
जब रात काफी हो गई तो बाबा कराहने लगे जैसे कोई उन्हें जोर से मार रहा हो। फिर भी बाबा किसी तरह कंबल लपेटे सो गए और जब सुबह हुई तो उन्होंने कंबल लपेटा और पति-पत्नी को देते हुए कहा, जाओ इसे बिना खोले गंगा में प्रवाहित कर दो। जब पति-पत्नी ने कंबल उठाया तो वह बहुत भारी था। दोनों मन ही मन सोचने लगे कि हमने बाबा को रात में खाली कंबल दिया था, यह इतना भारी कैसे हो गया? फिर दोनों ने कंबल को बिना खोले ही गंगा में प्रवाहित कर दिया। उसके बाद बाबा फतेहगढ़ से कहीं और चले गए।
करीब एक महीने बाद उस दंपत्ति का बेटा घर वापस लौटा, जो उस समय ब्रिटिश सेना में कार्यरत था। जिस समय नीम करोली बाबा दंपत्ति के घर आए, उस समय द्वितीय विश्व युद्ध चल रहा था और दंपत्ति का बेटा बर्मा (म्यांमार) में तैनात था। घर आकर बेटे ने अपने माता-पिता को बताया कि एक महीने पहले एक रात दुश्मन सेना ने मेरी पूरी बटालियन को घेर लिया था। दुश्मन रात भर गोलीबारी करता रहा, उस गोलीबारी में मेरे सभी साथी मारे गए लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं कैसे बच गया। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि मुझे एक भी गोली नहीं लगी। यह वही रात थी जब नीम करोली बाबा उस दंपत्ति के घर पर ठहरे हुए थे और पूरी रात सोते हुए कराहते रहे थे। बेटे की बात सुनकर पति-पत्नी को समझ में आया कि उस रात बाबा सोते हुए क्यों कराह रहे थे? और सुबह होते-होते वह कंबल इतना भारी क्यों हो गया था? इसी मान्यता के चलते आज भी भक्त बाबा के कैंची धाम आश्रम में कंबल चढ़ाते हैं।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.