संबंधित खबरें
एक तवायफ के लिए जब इन 2 कट्टर पंडितों ने बदल दिया था अपना धर्म…आशिक बन कबूला था इस्लाम, जानें नाम?
दैवीय शक्तियों का आशीर्वाद किन्नरों को दिया दान… इस अशुभ ग्रह को भी शांत कर देगा जो इस प्रकार किया ये कार्य?
12 साल बाद इस राशि में बनने जा रहा है महाशक्तिशाली गजलक्ष्मी राजयोग, 2025 शुरू होते ही इन 3 राशियों को छप्पर फाड़ देंगी पैसा
आपकी नाभि का ऐसा आकार चुटकियों में बता देगा आपके सारे राज…जानें कबतक मिलेगी सफलता और कैसे खुलेंगे धन के द्वार?
शरीर के शुभ अंगों पर इन तिलों को कैसे करें एक्टिवेट? मिलेगी इतनी दौलत संभाल नहीं पाएंगे!
क्या आपकी हथेलियों में भी बनता है आधा चांद…किस्मत का अजूबा है ऐसा होना, जानें क्या है मायने?
India News (इंडिया न्यूज), Diwali 2024: रोशनी का त्योहार दिवाली, देश समेत पूरी दुनिया में दिवाली मनाई जाती है। दिवाली भारतीय संस्कृति का बहुत ही महत्वपूर्ण और बड़ा त्योहार माना जाता है। दिवाली हिंदू धर्म के साथ-साथ अन्य धर्मों में भी मनाई जाती है। दिवाली के दिन रात में देवी लक्ष्मी की पूजा करने का विशेष महत्व माना जाता है। आमतौर पर धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा कभी भी की जा सकती है। हालांकि दिवाली के दिन देवी लक्ष्मी की पूजा रात में की जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दिवाली की पूजा रात में ही क्यों की जाती है?
हर साल दिवाली पर लक्ष्मी पूजा हमेशा रात में या सूर्यास्त के बाद की जाती है। इसके पीछे धार्मिक, पौराणिक और ज्योतिषीय कारण हैं, जो इस परंपरा को और खास बनाते हैं। वैसे तो अन्य दिनों में सुबह या शाम किसी भी समय मां लक्ष्मी की पूजा की जा सकती है, लेकिन दिवाली पर रात में पूजा करना शुभ माना जाता है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के बाद करनी चाहिए।
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार रात का समय मां लक्ष्मी का प्रिय समय होता है। दिवाली के दिन अमावस्या होती है, जब चांद दिखाई नहीं देता और बहुत अंधेरा होता है। ऐसे में दिवाली की रात घरों में दीये जलाकर मां लक्ष्मी का स्वागत किया जाता है। मां लक्ष्मी को ‘ज्योति’ का प्रतीक माना जाता है और रात में दीये जलाने से अज्ञानता और अंधकार को दूर करने का संदेश मिलता है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी लक्ष्मी समुद्र मंथन के दौरान प्रकट हुई थीं और तब से दिवाली के दिन उनकी पूजा की जाती है। कहा जाता है कि समुद्र मंथन की यह घटना भी रात में हुई थी, जिसके कारण लक्ष्मी पूजा के लिए रात का समय अधिक शुभ माना जाता है। एक पौराणिक मान्यता यह भी है कि देवी लक्ष्मी रात में पृथ्वी पर विचरण करती हैं और उन घरों में निवास करती हैं जो प्रकाशवान और साफ-सुथरे होते हैं।
ज्योतिष के अनुसार, दिवाली पर देवी लक्ष्मी की पूजा करने का शुभ समय अमावस्या के बाद का समय होता है, जिसे प्रदोष काल कहा जाता है। प्रदोष काल सूर्यास्त से लगभग तीन घंटे का होता है। यह समय सबसे शुभ माना जाता है, क्योंकि यह सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह का समय होता है। देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए इस समय का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि प्रदोष काल में दीपक जलाने से घर में सुख-समृद्धि और धन-संपत्ति आती है।
आखिर दिवाली का त्योहार मनाने की क्या है वजह, जानें पुराणों से कैसे जुड़ा है इसका महत्व!
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.