होम / धर्म / World Meteorological Day 2022 मौत के साये में जीने को मजबूर घुटती जिंदगी

World Meteorological Day 2022 मौत के साये में जीने को मजबूर घुटती जिंदगी

PUBLISHED BY: Sameer Saini • LAST UPDATED : March 21, 2022, 5:17 pm IST
ADVERTISEMENT

संबंधित खबरें

World Meteorological Day 2022 मौत के साये में जीने को मजबूर घुटती जिंदगी

World Meteorological Day 2022

World Meteorological Day 2022

World Meteorological Day 2022

डॉ. प्रितम भी. गेडाम, नई दिल्ली :

World Meteorological Day 2022 औद्योगिकीकरण, शहरीकरण, बढ़ती आबादी की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए पेड़ों की अंधाधुंध कटाई, प्राकृतिक संसाधनों का बड़े पैमाने पर उत्खनन, प्लास्टिक, ईंधन व कागज का अतीउपयोग, बड़े पैमाने पर निर्मित होने वाले ई-वेस्ट और बायो मेडिकल कचरे के व्यवस्थापन की कमी, अन्न की बर्बादी, बिजली का दुरुपयोग के कारण प्राकृतिक संतुलन गड़बड़ा गया है।

दुनिया भर में बढ़ती घातक बीमारी, मनुष्य की औसत आयु कम होने व वन्यजीव, पक्षियों की आबादी में गिरावट के लिए प्रदूषण योगदान दे रहे हैं। लगातार प्राकृतिक आपदाओं में वृद्धि, ओजोन परत, जलीय-जंतु और पक्षियों दोनों को रासायनिक कचरे और प्लास्टिक से नुकसान हो रहा है। संसाधनों की जरूरत और स्टेटस सिंबल के बिच के अंतर को न समझना मानव जीवन के लिए अत्यधिक घातक साबित हो रहा है। (विश्व मौसम विज्ञान दिवस)

वायु प्रदूषण

स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर रिपोर्ट अनुसार, वायु प्रदूषण अब जल्दी मौत के लिए दुनिया का चौथा प्रमुख जोखिम कारक है। भारत में अनुमानित 12.5 प्रतिशत मौतों का कारण वायु प्रदूषण है। स्टेट ऑफ इंडिया की पर्यावरण रिपोर्ट में पाया गया कि यह हर साल पांच साल से कम उम्र के लगभग 1 लाख बच्चों की जिंदगी छीन लेता है। वायु प्रदूषण से भारत में पैदा हुए बच्चे की औसत जीवन प्रत्याशा कम से कम 1.5 वर्ष कम होने का अनुमान है; 2019 में, इसने 1.16 लाख भारतीय शिशुओं को मार दिया

World Meteorological Day 2022

स्वास्थ्य प्रभाव संस्थान और स्वास्थ्य मैट्रिक्स व मूल्यांकन संस्थान के विशेषज्ञों द्वारा प्रतिवर्ष प्रकाशित की जाने वाली रिपोर्ट अनुसार, 2019 में 4.5 मिलियन मौतें बाहरी वायु प्रदूषण के जोखिम से जुड़ी थीं। दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश, भारत और चीन, वायु प्रदूषण से बीमारी का सबसे अधिक बोझ उठाना जारी रखते हैं। डब्ल्यूएचओ अनुसार, वैश्विक आबादी के 90 प्रतिशत से अधिक लोग ऐसी हवा में सांस ले रहे हैं जो घातक है। समय से पहले होने वाली मौतों में से लगभग 91% निम्न और मध्यम आय वाले देशों में हुई, और सबसे बड़ी संख्या दक्षिण-पूर्व एशिया और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्रों में हुई।

प्लास्टिक कचरा

प्लास्टिक पुरी तरह से नष्ट होने में 1,000 साल तक लगते हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, देश में हर दिन 25,940 टन प्लास्टिक कचरा पैदा होता है। एक लोडेड ट्रक के बराबर प्लास्टिक कचरा हर मिनट महासागरों में प्रवेश करता है। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) के अनुसार हर साल 30 करोड़ टन प्लास्टिक का उत्पादन होता है, सभी प्लास्टिक का केवल 9% रिसाइकिल किया जाता है, 12% जला दिया जाता है और शेष 79% लैंडफिल या पर्यावरण में घुल जाता है।

दुनिया भर में हर मिनट 20 लाख प्लास्टिक बैग का उपयोग किया जाता है। गार्जियन की रिपोर्ट में पाया गया कि दुनिया भर में हर मिनट 10 लाख प्लास्टिक की बोतल खरीदी जाती हैं। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के शोधकर्ताओं अनुसार, प्लास्टिक कचरा जो दुनिया भर में 1,350 बड़ी नदियों द्वारा महासागरों में छोडा जाता है, उसका 88-95% कचरा एशिया और अफ्रीका के सिर्फ 10 नदियों से आता है। (Article on World Meteorological Day)

World Meteorological Day 2022

औसतन हर व्यक्ति साल में 70,000 माइक्रो प्लास्टिक खा जाता है। 2018 में उत्पादित 150 मिलियन टन एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक ने 750 मिलियन टन कार्बन बनाया, 100 अरब प्लास्टिक बैगों के निर्माण के लिए 12 मिलियन बैरल तेल की आवश्यकता होती है। भारत का प्लास्टिक कचरा 2015-16 में 15.89 लाख टन था, जो पिछले पांच वर्षों में 21.8 प्रतिशत की औसत वार्षिक वृद्धि के साथ दोगुना से अधिक 2019-20 में 34 लाख टन हो गया है।

जल प्रदूषण

डब्ल्यूएचओ अनुसार, 7.85 करोड़ लोगों के पास बुनियादी पेयजल सेवा तक नहीं है, विश्व स्तर पर, कम से कम 2 अरब लोग मल से दूषित पेयजल स्रोत का उपयोग करते हैं। दूषित पानी से पीलिया, हैजा, दस्त, उल्टियां, टाइफाइड, बुखार, चर्म रोग, पेट रोग, आदि रोग होते हैं और इससे हर साल 4.85 लाख डायरिया से होने वाली मौतों का अनुमान है।

2025 तक, दुनिया की आधी आबादी पानी की कमी वाले क्षेत्रों में रह रही होगी, आर्थिक सहयोग और विकास संगठन की रिपोर्ट अनुसार, भारत में 2025 तक पानी की मांग में 70% से अधिक की वृद्धि देखी जाएगी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 2018 में भारत में 351 प्रदूषित नदी खंडों की पहचान की है, तेजी से हो रहे शहरीकरण और औद्योगीकरण ने समस्या को अधिक बढ़ा दिया है।

बायोमेडिकल कचरा

World Meteorological Day 2022

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अनुसार, भारत कोविड-19 रोगियों की नैदानिक गतिविधियों और उपचार के कारण अब तक प्रतिदिन लगभग 146 टन जैव-चिकित्सा अपशिष्ट उत्पन्न कर रहा था। जून 2020 और 10 मई, 2021 के बीच, भारत ने 45,308 टन कोविड -19 बायोमेडिकल कचरे का उत्पादन किया। भारत ने 2020 में प्रति दिन 677 टन बायोमेडिकल कचरे का उत्पादन किया था, जबकि 2019 में इसने प्रति दिन 619 टन बायोमेडिकल का उत्पादन किया। 2015 में, भारत में उत्पादित बायोमेडिकल 502 टन प्रति दिन था।

ई-कचरा

‘ग्लोबल ई-वेस्ट मॉनिटर’ अनुसार, 2019 में दुनिया भर में 5.36 करोड़ टन इलेक्ट्रॉनिक कचरा उत्पन्न हुआ, जिसमें से केवल 17.4% का ही पुनर्चक्रण किया गया। चीन और अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा भारत देश में ई-कचरा उत्पन्न होता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की 2020 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने वित्त वर्ष 2019-2020 में 1,014,961 टन ई-कचरा उत्पन्न किया, यह वित्त वर्ष 2018-2019 से 32% अधिक ई-कचरा है। भारत देश साधारणत हर साल 18.5 लाख टन ई-कचरा उत्पन्न करता है।

वन

भारत के भू-भाग का 24.4 प्रतिशत हिस्सा वनों और पेड़ों से घिरा है हालांकि यह विश्व के कुल भू-भाग का केवल 2.4 प्रतिशत हिस्सा ही है, भारत में जनसंख्या घनत्व 382 व्यक्ति/वर्ग किलोमीटर है और इन पर 17 प्रतिशत मनुष्यों  की आबादी व मवेशियों की 18 प्रतिशत संख्या की जरूरतों को पूरा करने का दवाब है। प्रदूषण से हो रही मौतों के मामले में 188 देशों की सूची में भारत पांचवें पायदान पर आता है। 

दुनिया भर में लगभग 1.60 अरब लोग अपनी आजीविका और दैनिक निर्वाह आवश्यकताओं के लिए जंगलों पर निर्भर हैं। नेचर जर्नल रिपोर्ट का दावा है कि हम हर साल लगभग 15.3 अरब पेड़ खो रहे हैं। प्रतिवर्ष विश्वभर में मात्र 5 अरब पेड़ लगाए जाते हैं। सीधे तौर पर हमें 10 अरब पेड़ों का नुकसान हर साल उठाना पड़ता है। विश्व में प्रति व्यक्ति पेड़ों की संख्या 422 है जबकि भारत के एक व्यक्ति के हिस्से मात्र 8 पेड़ नसीब होते है।

मिलावटखोरी व अशुद्ध खाद्य

भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक संघ की रिपोर्ट में खतरनाक रूप से पता चला है कि 2018-2019  में 28% खाद्य नमूनों में मिलावट थी और ये 2012 से मिलावट दोगुनी थी। बताया जा रहा है कि हर चार में से एक खाना मिलावटी होता है। फूड सेंट्री की रिपोर्ट के आधार पर, 2013 में, 111 देशों से लिए गए 3,400 सत्यापित खाद्य सुरक्षा नमूनों में से 11.1% के साथ भारत को खाद्य उल्लंघनकर्ता के रूप में शीर्ष स्थान दिया गया था।

World Meteorological Day 2022

अशुद्ध भोजन 200 से अधिक विभिन्न बीमारियों जैसे दस्त से लेकर कैंसर तक का कारण बनता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन अनुसार, दुनिया भर में, अनुमानित 60 करोड़, लगभग 10 में से 1 व्यक्ति – हर साल अशुद्ध भोजन से बीमार पड़ जाता है, जिसके परिणामस्वरूप 4.2 लाख मौतें होती हैं और 3.3 करोड़ स्वस्थ जीवन वर्ष का नुकसान होता है। दुनिया में हर साल 20 लाख से अधिक लोग, जिनमें से 15 लाख बच्चे हैं, वें दूषित भोजन और दूषित पानी से होने वाले रोग के कारण जान गंवाते हैं; इनमें से, लगभग 7 लाख अकेले दक्षिण एशियाई देशों से होते हैं।

प्राकृतिक आपदा

संयुक्त राष्ट्र आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्यालय की रिपोर्ट अनुसार, भारत में प्राकृतिक आपदाओं की 321 घटनाओं में 79,732 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और 108 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं। दुनिया भर में किसी भी अन्य आपदा की तुलना में बाढ़ से अधिक नुकसान हुआ है और चीन के बाद भारत बाढ़ से दूसरा सबसे अधिक प्रभावित देश है। भारत में हर साल औसतन 17 बाढ़ आती है, जिससे लगभग 34.5 करोड़ लोग प्रभावित होते हैं। देश में चक्रवात, भूस्खलन, सूखा, गर्मी की लहरें, भारी वर्षा और बाढ़ से भीषण रूप से पर्यावरण व जीव हानि होती है। (Article on World Meteorological Day in Hindi)

ग्लोबल वार्मिंग

हाल के वर्षों में अत्यधिक गर्मी की लहरों ने दुनिया भर में हजारों लोगों की जान ले ली है, अंटार्कटिका 1990 के दशक से लगभग चार ट्रिलियन मेट्रिक टन बर्फ खो चुका है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि अगर हम अपनी मौजूदा गति से जीवाश्म ईंधन जलाते रहें तो नुकसान की दर अधिक तेज हो सकती है, जिससे अगले 50 से 150 वर्षों में समुद्र का स्तर कई मीटर बढ़ जाएगा और दुनिया भर में तटीय समुदायों पर कहर बरपाएगा। जैसे-जैसे गर्मी की लहरें, सूखा और जलवायु परिवर्तन से जुड़ी बाढ़ तेज होती जा रही है, समुदाय पीड़ित हैं और मरने वालों की संख्या बढ़ रही है।

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, यदि हम अपने उत्सर्जन को कम करने में असमर्थ रहे, तो 2030 से 2050 के बीच, जलवायु परिवर्तन दुनिया भर में प्रति वर्ष लगभग 2.5 लाख अतिरिक्त मौतें होने की संभावना है और 2030 तक 10 करोड़ लोगों को गरीबी में धकेल दिया जा सकता है। पर्यावरण की रक्षा के लिए हम सबको जागरूक होना बेहद जरूरी है, वर्ना दुनियाभर में जीवनदायिनी प्रकृति को गिद्ध की भांति नोच खाने के लिए समाज के दुश्मन, स्वार्थी लोग तो सर्वदा तत्पर ही है।

Also Read : National Civil Service Day 2022 Quotes

Tags:

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

पाकिस्तानियों को इन ताकतवर मुस्लिम देशों ने दिखाई औकात, जिस थाली में खा रहे थे उसी में किया छेद? अब सजा याद रखेंगी 7 पुश्तें
पाकिस्तानियों को इन ताकतवर मुस्लिम देशों ने दिखाई औकात, जिस थाली में खा रहे थे उसी में किया छेद? अब सजा याद रखेंगी 7 पुश्तें
जिसे चारा समझकर खा जाते है जानवर, इंसानों के लिए नहीं है किसी संजीवनी बूटी से कम
जिसे चारा समझकर खा जाते है जानवर, इंसानों के लिए नहीं है किसी संजीवनी बूटी से कम
Pragati Yatra: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की वाल्मीकिनगर में प्रगति यात्रा शुरुआत, करोड़ों की योजनाओं का किया शिलान्यास
Pragati Yatra: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की वाल्मीकिनगर में प्रगति यात्रा शुरुआत, करोड़ों की योजनाओं का किया शिलान्यास
इस मामले में असदुद्दीन ओवैसी को  नहीं मिली राहत, बरेली कोर्ट ने  जारी किया नोटिस
इस मामले में असदुद्दीन ओवैसी को नहीं मिली राहत, बरेली कोर्ट ने जारी किया नोटिस
Rahul Gandhi News: BJP के दोनों सांसद हुए RML से डिस्चार्ज! कुछ दिन और डॉक्टरों की निगरानी में
Rahul Gandhi News: BJP के दोनों सांसद हुए RML से डिस्चार्ज! कुछ दिन और डॉक्टरों की निगरानी में
MP Khargone Crime News: पंजाब के बदमाशों को हथियार सप्लाई करने वाला तस्कर गिरफ्तार, लाखों की पिस्तौल बरामद
MP Khargone Crime News: पंजाब के बदमाशों को हथियार सप्लाई करने वाला तस्कर गिरफ्तार, लाखों की पिस्तौल बरामद
किडनी का ऐसा हाल कर देती है कॉफी? एक बार जो देख लिया असली हाल जिंदगी भर के लिए छोड़ देंगे कॉफी
किडनी का ऐसा हाल कर देती है कॉफी? एक बार जो देख लिया असली हाल जिंदगी भर के लिए छोड़ देंगे कॉफी
यूपी के इस यूट्यूबर को लॉरेंस बिश्नोई की गैंग ने दी जान से मारने की धमकी, एक करोड़ की मांग
यूपी के इस यूट्यूबर को लॉरेंस बिश्नोई की गैंग ने दी जान से मारने की धमकी, एक करोड़ की मांग
Delhi Election 2025: कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने किया बड़ा दावा- ‘अरविंद केजरीवाल अगर शपथ …’
Delhi Election 2025: कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने किया बड़ा दावा- ‘अरविंद केजरीवाल अगर शपथ …’
Bihar Education: नशे के हालत में टीचर पहुंचा स्कूल, अपशब्द बातों का किया इस्तेमाल, अब सख्त कार्रवाई का इंतजार
Bihar Education: नशे के हालत में टीचर पहुंचा स्कूल, अपशब्द बातों का किया इस्तेमाल, अब सख्त कार्रवाई का इंतजार
जब कर्ण की ओर आग-बबूला हो गदा लेकर दौड़े थे हनुमान, फिर किसने किया था बजरंग बली का गुस्सा शांत और बचाई थी कर्ण की जान?
जब कर्ण की ओर आग-बबूला हो गदा लेकर दौड़े थे हनुमान, फिर किसने किया था बजरंग बली का गुस्सा शांत और बचाई थी कर्ण की जान?
ADVERTISEMENT