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India News (इंडिया न्यूज),Yashoda Jayanti 2024: फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को पंचांग के अनुसार यशोदा जयंती मनाई जाती है। भगवान श्री कृष्ण की माता यशोदा के जन्मदिन के उपलक्ष्य में यशोदा जयंती मनाई जाती है। माता यशोदा ने भगवान श्री कृष्ण का पालन-पोषण किया, जबकि माता देवकी ने उन्हें जन्म दिया। माता यशोदा का जन्मदिन पूरे उत्तर भारत में यशोदा जयंती के रूप में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।
इस दिन माता यशोदा के साथ भगवान कृष्ण की भी पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से उत्तम संतान की प्राप्ति होती है। मां यशोदा जयंती का पावन पर्व भगवान कृष्ण के सभी मंदिरों के साथ-साथ दुनिया भर के इस्कॉन मंदिरों में भी बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यशोदा जयंती का त्योहार गुजरात, महाराष्ट्र और दक्षिण भारतीय राज्यों में भी मनाया जाता है।
यह व्रत माताओं के लिए बहुत खास माना जाता है। यह व्रत मां के बच्चे के प्रति प्रेम का प्रतीक है। इस दिन माताएं अपने बच्चों की लंबी उम्र और सुखी जीवन के लिए व्रत रखती हैं। मान्यता है कि इस दिन माता यशोदा और उनकी गोद में बैठे भगवान कृष्ण के बाल रूप की पूजा करने और व्रत रखने से संतान प्राप्ति की इच्छा जल्दी पूरी होती है।
यशोदा जयंती के दिन सुबह जल्दी उठकर घर की सफाई करें, स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। एक चौकी लें और उस पर लाल कपड़ा बिछाकर कलश की स्थापना करें। अब माता यशोदा की गोद में बाल रूप में बैठे भगवान कृष्ण की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें। अब घी का दीपक और धूप जलाएं और रोली, चावल, फल, फूल, मिठाई और मक्खन आदि चढ़ाएं। इसके बाद यशोदा जयंती की कथा सुनें। पूजा के अंत में आरती के बाद सभी गलतियों के लिए क्षमा मांगें और भोग लगाकर प्रसाद बांट दें।
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