India News (इंडिया न्यूज़), Durga Puja, Sindoor Khela 2023: शारदीय नवरात्रि अलग ही धूम-धाम से हमारे देश में मनाया जाता है। सिर्फ उत्तर ही नहीं दक्षिण भारत में भी नवरात्रि पर्व की रौनक देखी जा सकती है। माना जाता है नवरात्रि में मां स्वर्ग से धरती पर आती हैं। नवरात्रि का ये पर्व 23 अक्टूबर को समाप्त होगा और 24 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाएगा। नवरात्रि का उत्सव रंग ढंग से मनाने की परंपरा है।
नवरात्रि का जैसा नजारा पश्चिम बंगाल में देखने को मिलता है, वैसा शायद ही और कहीं। यहां बिल्कुल पारंपरिक तरीके से पंडाल सजाए जाते हैं और उनमें मां दुर्गा की पूजा, आरती और अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। दुर्गा पूजा के दौरान होने वाली संध्या आरती इतनी भव्य होती है कि इसे देखने दूर-दूर से लोग आते हैं। ढोल-नगाड़ों, शंख, नाच-गाने के साथ सम्पन्न होती है संध्या आरती। यहां होने वाली दुुर्गा पूजा में एक और जो सबसे खास परंपरा है, जो है सिंदूर खेला।
सिंदूर खेला माता की विदाई के दिन खेला जाता है, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं सामिल होती हैं और एक-दूसरे को सिंदूर लगाती हैं। इस साल 24 अक्टूबर को सिंदूर खेला मनाया जाएगा। तो यहां जानिए क्या है सिंदूर खेला का महत्व।
महाआरती के साथ इस दिन की शुरुआत होती है। आरती के बाद भक्तगण मां देवी को कोचुर, शाक, इलिश, पंता भात आदि पकवानों का प्रसाद चढ़ाते हैं। इसके बाद इस प्रसाद को सभी में बांटा जाता है। मां दुर्गा के सामने एक शीशा रखा जाता है, जिसमें माता के चरणों के दर्शन होते हैं। ऐसा मानते हैं कि इससे घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। फिर सिंदूर खेला शुरू होता है। जिसमें महिलाएं एक दूसरे को सिंदूर लगाकर और धुनुची नृत्य कर माता की विदाई का जश्न मनाती हैं। अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दुर्गा विसर्जन किया जाता है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, सिंदूर खेला की शुरुआत 450 साल पहले हुई थी। जिसके बाद से बंगाल में दुर्गा विसर्जन के दिन सिंदूर खेला का उत्सव मनाया जाने लगा। बंगाल मान्यताओं के अनुसार, मां दुर्गा 10 दिन के लिए अपने मायके आती हैं, जिसे दुर्गा पूजा के रूप में मनाया जाता है।
Also Read
Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.