India News(इंडिया न्यूज), NEET students: मेडिकल की पढ़ाई करने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए नीट एक प्रवेश द्वार है। इसे पास करने के बाद ही मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन मिलता है। अगर आपने भी मेडिकल की पढ़ाई के लिए नीट परीक्षा दी है और आपका स्कोर कम है, तो चिंता की कोई बात नहीं है। बहुत सी ऐसी मंजिले हैं जो आपका इंतजार कर रही हैं। आज हम आपको इस खबर में यही बताने जा रहे हैं कि वो कौन से रास्ते हैं जहां आपको कम स्कोर करने के बाद भी दाखिला मिल सकते हैं।
आर्मी कॉलेज ऑफ डेंटल साइंस (ACDS) की शुरुआत साल 2001 में यूजी कोर्स के लिए 40 छात्रों के सालाना एडमिशन के साथ हुई थी। साल 2008 में इस कॉलेज को 3 क्लीनिकल स्पेशलिस्ट में एमडीएस कोर्स शुरू करने की अनुमति दी गई थी। यह तेलंगाना राज्य कालोजी नारायण राव यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज, वारंगल से संबद्ध है। इसे डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम संचालित करने के लिए मान्यता प्राप्त है। आर्मी कॉलेज ऑफ डेंटल साइंसेज में एडमिशन नीट यूजी स्कोर के आधार पर होता है।
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बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (बीडीएस) डिग्री कोर्स दंत रोगों के निदान और उपचार में प्रशिक्षण और अनुभव प्रदान करता है। हर साल 40 छात्रों को एनईईटी यूजी परीक्षा में उनकी योग्यता के आधार पर एसीडीएस में बीडीएस में प्रवेश दिया जाता है। छात्रों को उनके पाठ्यक्रम के पहले तीन वर्षों के दौरान डॉक्टरों की एक अनुभवी टीम द्वारा सभी प्रमुख चिकित्सा विषय पढ़ाए जाते हैं। एसीडीएस का मल्टी-स्पेशलिटी डेंटल अस्पताल वह जगह है जहाँ छात्रों को उनके तीसरे और चौथे वर्ष के दौरान बुनियादी दंत प्रक्रियाओं जैसे कि फिलिंग, रूट कैनाल, स्केलिंग, क्राउन और डेन्चर और दांत निकालने का प्रशिक्षण दिया जाता है। बीडीएस की डिग्री चार साल की शैक्षणिक शिक्षा और एक साल के इन-हाउस अनिवार्य इंटर्नशिप कार्यक्रम के सफल समापन पर प्रदान की जाती है।
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