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India News (इंडिया न्यूज) AI Machin Launched In Maharashtra (Gadchiroli), दिल्ली: देश में टेक्नोलॉजी हर दिन नई बुलंदियों को छू रही है। ये टेक्नोलॉजी सिर्फ शहर तक ही सिमित नहीं है, बल्कि गांव तक भी अब हर सुविधाएं उपलब्ध हो रही हैं। इसका एक उदाहरण हैं महाराष्ट्र (Maharashtra) का गढ़चिरौली। गढ़चिरौली के एटापल्ली के टोडसा आश्रम स्कूल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित मशीन लगाई गई है। इस मशीन का काम भोजन की गुणवत्ता का पता लगाना हैं।
अब स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे अब कुपोषण का शिकार नही होंगे। यह मशीन खाने की क्वालिटी का पता लगाएगी। ये मशीन काफी अलग तरीके से काम करती है। जो भी बच्चा इस मशीन के सामने खडा होता है वह अपने खाने की प्लेट मशीन के ऊपर रख देता है. मशीन खाने की प्लेट के साथ स्टूडेंट की फोटो खींच लेती है और तुरंत ही रिजल्ट बता देती है कि छात्र के हिसाब से खान की क्वालिटी ठीक है या नहीं या उसे खाने में और किन चीजों की आवश्यकता है।
यह मशीन क्वालिटी के साथ क्वांटिटी पर भी खास ध्यान देती है। यह मशीन खाने की थाली के साथ स्टूडेंट की तस्वीर लेती है और कुछ सेकंड में बिना किसी की मदद से पहचान लेती है कि ‘भोजन की गुणवत्ता’ अच्छी है या नहीं। इस मशीन का उद्देश्य पोषण स्तर में सुधार करना है।
आदिवासी विकास परियोजना के तहत चलाए जा रहे इस अभियान में एनजीओ भी मदद करते हैं। खास बात यह है कि आदिवासी इलाकों में राज्य सरकार की ओर से चलाए जा रहे स्कूलों में पढ़ाई के अलावा पौष्टिक खाने पर भी खास ध्यान दिया जा रहा है।
अभी बहुत से आदिवासी इलाकों में बच्चे कुपोषित हैं। इससे निपटने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करना भी जरूरी है ताकि सही क्वालिटी का खाना बच्चों तक पहुंच सके। और वो बच्चे कुपोषण का शिकार न हों।इसमें एल्गोरिदम तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसे में बिना किसी की मदद के आईटीडीपी कार्यालय में प्रिंसिपल के पास पूरी डाटा पहुंच जाता है।
महाराष्ट्र सरकार ने कुपोषण को खत्म करने के लिए यह सराहनीय कदम उठाया है। इससे गांव में रहने वाले आदिवासियों तक पहुंच बनी रहेगी। वहीं अधिकारियों के मुताबिक, आदिवासी इलाकों में राज्य सरकार की तरफ से चलाए जा रहे स्कूलों में शिक्षा के साथ-साथ पौष्टिक भोजन पर भी ध्यान दिया जाता है। पोषण स्तर में सुधार को देखते हुए इस मशीन को लगाया गया है।
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