India News (इंडिया न्यूज) Asad Ahmed School Marksheet, दिल्ली: माफिया अतीक अहमद को कौन नहीं जानता। अतीक अहमद का इलाके में इतना रुतबा था कि वह अपने बच्चों को बड़े से बड़े स्कूल में पढ़ा सकता था। लेकिन अपने पिता के इस रुतबे का उसके बच्चे कोई फायदा नहीं उठा पाएं। बात करें एनकाउंटर में मारे गए अतीक अहमद के बेटे असद की तो उसने तो स्कूल के टीचर के साथ ही मारपीट कर ली थी। लेकिन अतीक के डर के कारण स्कूल प्रशासन इस बात को लेकर खामोश रहा। बेटे असद को 10वीं में कितने मार्क्स मिले थे, ये उसकी मार्क्सशीट से बिलकुल साफ हो गया. की असद का पढ़ाई में मन था या नहीं। असद की मार्कशीट इस बात का सबूत है कि वह भी पिता की तरह जुर्म की दुनिया में नाम कमाना चाहता था।
शाइस्ता और अतीक के सभी पांच बेटों ने प्रयागराज के नामी स्कूल सेंट जोसेफ कॉलेज से पढ़ाई की थी। उमेश पाल मर्डर केस के बाद 13 अप्रैल को झांसी में पुलिस ने असद का एनकाउंटर किया था। इसके बाद पुलिस ने उसके दस्तावेजों को वेरिफाई किया तो 10वीं की मार्कशीट भी उनको मिल गई।
पढ़ने में था फिसड्डी
असद की मार्कशीट से पता चलता है कि वह पढ़ाई-लिखाई में एकदम फिसड्डी था। उसको 10वीं के फर्स्ट टर्म में 700 में से कुल 175 नंबर मिले थे। हर विषय में वह फेल था। मार्कशीट के अनुसार, उसको गणित में 19, सोशल स्टडीज में 19.8, हिंदी में 21.5, इंग्लिश में 28 और साइंस में 19 मार्क्स मिले थे और वह सभी में फेल था।
रिपोर्ट के अनुसार, वह कभी भी समय पर स्कूल नहीं पहुचंता था। उसको साफ-सफाई में B, कम्युनिकेशन में C और पंचुएलिटी में D ग्रेड मिला था। सारे सब्जेक्ट्स में उसको मिले नंबर क्लास में मिले औसत नंबरों से कम थे। टीचर ने उसकी मार्कशीट पर यह भी लिखा था कि Need to Work Hard in All Subjects.
टीचर के साथ की थी मारपीट
इतना ही नहीं, सूत्रों के मुताबिक, एक प्रतियोगिता के दौरान असद ने टीचर की ही पिटाई कर दी थी। प्रतियोगिता के एक गेम में उसको हार नसीब हुई थी, जिसके बाद उसने सरेआम रेफरी की पिटाई कर दी थी। शाइस्ता और अतीक के खौफ के कारण कॉलेज प्रशासन ने भी इस बात पर कोई एक्शन नहीं लिया था। कोई भी टीचर्स, मैनेजमेंट या स्टाफ असद के नाम पर कुछ भी कहने से इनकार कर देते थे।
UP STF ने किया था एनकाउंटर
बता दें कि उमेश पाल हत्याकांड मामले में अतीक का बेटा असद और शूटर गुलाम दोनों वॉन्टेड चल रहे थे। उमेश पाल की 24 फरवरी को प्रयागराज में ही गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। साल 2005 में हुए राजूपाल हत्याकांड के उमेश पाल इकलौते गवाह थे। असद और शूटर गुलाम को 13 अप्रैल की दोपहर UP STF ने एनकाउंटर कर मार गिराया था। झांसी के पारीक्षा डैम के पास एसटीएफ और असद-गुलाम की मुठभेड़ हो गई। पुलिस की कार्रवाई में दोनों मारे गए। दोनों पर ही 5-5 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
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